खगोलविदों ने ब्रह्मांड में अब तक देखी गई सबसे चमकीली वस्तु की खोज की है। बताया जा रहा है कि यह वस्तु सूर्य से भी ज्यादा चमकीला है। एक बयान में बताया गया कि यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (ESO) के बहुत बड़े टेलीस्कोप (VLT) का उपयोग करते हुए, खगोलविदों ने एक क्वासर (Quasar) की पहचान की है जिसे ‘अपनी तरह का सबसे चमकीला’ और ‘अब तक देखी गई सबसे चमकदार वस्तु’ बताया गया है।
क्वासर आकाशगंगाओं के अत्यंत चमकीला केंद्र बताया गया है। यह क्वासर अपने केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा संचालित होते हैं। न्यूज़वीक की रिपोर्ट के अनुसार, जब गैस और धूल इन ब्लैक होल में गिरती है, तो वे विद्युत चुम्बकीय विकिरण छोड़ते हैं, जिससे तीव्र प्रकाश उत्पन्न होता है।
सूर्य से 500 ट्रिलियन गुना ज्यादा चमकीला है क्वासर
यह नया खोजा गया क्वासर न केवल चमक में रिकॉर्ड तोड़ रहा है, बल्कि तेज़ी से बढ़ भी रहा है, जो आकाशगंगा में सबसे चमकीले क्वासरों की विशेषता है। नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि J0529-4351 नामक यह क्वासर प्रतिदिन एक सूर्य के बराबर दर से बढ़ रहा है और सूर्य से 500 ट्रिलियन गुना ज़्यादा चमकीला है।
क्वासर द्वारा उत्सर्जित प्रकाश असाधारण
मुख्य शोधकर्ता ने न्यूजवीक को क्वासर का वर्णन करते हुए कहा कि यह एक संभवतः ब्रह्मांड का सबसे नरकीय स्थान है। उन्होंने इसके तेज गति से चलने वाले बादलों, अत्यधिक तापमान और विशाल ब्रह्मांडीय बिजली के बोल्टों का हवाला दिया। इन कठोर परिस्थितियों के बावजूद, इस क्वासर द्वारा उत्सर्जित प्रकाश असाधारण है।
इसका द्रव्यमान (Mass) 17 अरब सूर्यों के बराबर
ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एएनयू) के खगोलशास्त्री और अध्ययन के प्रमुख लेखक क्रिश्चियन वुल्फ ने कहा कि हमने अब तक ज्ञात सबसे तेजी से बढ़ने वाले ब्लैक होल की खोज की है। इसका द्रव्यमान 17 अरब सूर्यों के बराबर है और यह प्रतिदिन एक सूर्य से थोड़ा अधिक प्रकाश ग्रहण करता है। यह इसे ज्ञात ब्रह्मांड में सबसे अधिक चमकीला पिंड बनाता है।
पृथ्वी तक इसकी रोशनी पहुंचने में लगा 12 अरब साल का समय
खगोलविदों का कहना है कि यह क्वासर पृथ्वी से इतना दूर है कि इसकी रोशनी को हम तक पहुंचने में 12 अरब साल से ज्यादा का समय लग गया है। पृथ्वी पर मौजूद पर्यवेक्षकों को क्वासर तारों जैसे दिखाई देते हैं। एएनयू के पीएचडी छात्र और सह-लेखक सैमुएल लाई ने कहा कि यह सारा प्रकाश एक गर्म अभिवृद्धि डिस्क (Hot Accretion Disc) से आता है जिसका व्यास सात प्रकाश वर्ष है। यह ब्रह्मांड की सबसे बड़ी अभिवृद्धि डिस्क होनी चाहिए।