एशिया में मानव तस्करी का गढ़ है भारत, जिस्मफरोशी है मुख्य वजह

पूरी दुनिया में आतंकवाद और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के बाद मानव तस्करी तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। एक अनुमान के मुताबिक, पूरी दुनिया में मानव तस्करी का कुल कारोबार 150.2 बिलियन डॉलर का है। दुनिया भर में 80 फीसद से ज्यादा मानव तस्करी जिस्मफरोशी के लिए होती है। भारत एशियाई देशों में मानव तस्करी का गढ़ है। भारत में देश के अंदर तो मानव तस्करी होती ही है, इसके अलावा बाहर के देशों से लाकर भी मानव तस्करी की जाती है। इनमें ज्यादा संख्या लड़कियों की होती है, जिन्हें भारत के अवैध देह व्यापार में धकेलने के लिए लाया जाता है। इतना ही नहीं भारत अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के लिए ट्रांजिट देश भी बन चुका है।

पश्चिम बंगाल में सबसे खराब स्थिति
सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में हर 8 मिनट में एक बच्चा लापता होता है। वर्ष 2011 में देश में लगभग 35,000 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज हुई थी। इसमें से 11,000 से ज्यादा बच्चे सिर्फ पश्चिम बंगाल से लापता थे। इसके अलावा यह माना जाता है कि कुल मामलों में से केवल 30 फीसद मामलों में ही रिपार्ट दर्ज की गई और वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। वर्ष 2016 में भी मानव तस्करी के सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज हुए थे। देश भर में एक साल में कुल 8,132 शिकायतों में से 3,576 केवल इसी राज्य से आईं। ये वो शिकायतें थीं जो दर्ज हुईं। जानकारों के मुताबिक, इससे कहीं ज्यादा मामले या तो दर्ज नहीं हुए या लोगों ने दर्ज ही नहीं कराए। ऐसे में वास्तविक आंकड़ा काफी बड़ा है।

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