किसान नेताओं को दिल्ली एयरपोर्ट पर कृपाण के साथ यात्रा नहीं करने देने का मामला तूल पकड़ने लगा है। दिल्ली के सिख समुदाय में भी इसे लेकर खासी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि सिखों को कृपाण के साथ हवाई सफर में रोकना अपमानजनक है।
सिख नेताओं का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की तरफ से तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली और पांडिचेरी में कम से कम समर्थन मूल्य गारंटी कानून के मुद्दे पर महा-पंचायतों में शामिल होने जा रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, बलदेव सिंह सिरसा और सुखदेव सिंह भोजराज को जहाज में बैठने से सुरक्षा कर्मियों का रोकना निंदनीय है।
घरेलू उड़ानों में कृपाण पूरी तरह लेकर जाने की मंजूरी है और यह कृपाण सिखों के पंच ककारों में शामिल है। शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य नेता तमिलनाडु में किसान मांगों से संबंधित सम्मेलन में शामिल होने जा रहे थे। हवाई अड्डे के सुरक्षा कर्मियों द्वारा रोका जाना किसानों के प्रति केंद्र की नफरत का प्रदर्शन है। यह सिखों की धार्मिक आजादी पर भी केंद्र का हमला है। पूछा है कि क्या अब अमृतधारी गुरुसिख देश में अपने धार्मिक विश्वास के साथ स्वतंत्र रूप से विचरण नहीं कर सकते?
सरना ने कहा कि रविवार की यह घटना किसान मुद्दों के प्रति बेरुखी से जोड़कर देखना चाहिए। किसान इस देश के नागरिक है। भाजपा के नेता भी समय-समय पर किसानों के प्रति अपनी नफरत का प्रदर्शन करते रहे हैं। एक ओर सरकार खुद को सिख हितैषी बताती है, लेकिन हर मसले पर सिख विरोधी होने का प्रमाण देने में कोई कसर नहीं छोड़ती।