एमपी: राहुल ने पचमढ़ी में की जंगल सफारी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रविवार सुबह पचमढ़ी की खूबसूरत वादियों में जंगल सफारी के लिए निकले। दो दिनों से मध्यप्रदेश के हिल स्टेशन पर प्रवास कर रहे राहुल गांधी ने प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाया। रविवार सुबह राहुल गांधी का काफिला रविशंकर भवन से रवाना हुआ। जानकारी के अनुसार, जंगल सफारी का कार्यक्रम शनिवार देर रात लगभग 11 बजे तय किया गया था, जिसके बाद रातभर तैयारी की गई। सुबह काफिला पनारपानी गेट पहुंचा, जहां से राहुल गांधी और जीतू पटवारी ने जिप्सी में बैठकर सफारी शुरू की। इस दौरान राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी हुई है। उस डाटा को देखने के बाद लग रहा है कि यही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी हुआ है। अब एसआईआर के जरिए उसको कवर करने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा कि हमारे पास डिटेल में जानकारी हैं, धीरे धीरे उसका उसका भी खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा हैं। बाबा साहब के संविधान पर आक्रमण हो रहा है। अमित शाह जी, मोदी जी और ज्ञानेश जी साथ में मिलकर यह कर रहे हैं। इससे देश का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। भारत माता का नुकसान हो रहा हैं।

जंगल सफारी के लिए सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सफारी दल में पांच जिप्सी और एक फॉरेस्ट कैंपर वाहन शामिल रहा। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के सहायक संचालक संजीव शर्मा और रेंजर विवेक तिवारी भी दल के साथ मौजूद रहे। पनारपानी गेट से शुरू हुई सफारी में घोड़ानाल, बतकछार, नीमघान और पनारपानी जैसे प्रमुख पॉइंट शामिल थे।

इससे पहले शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के नव-नियुक्त जिलाध्यक्षों से संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और ईमानदारी से कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को ऐसा जीवन जीना चाहिए कि कोई उन्हें ब्लैकमेल न कर सके। राहुल गांधी पचमढ़ी में आयोजित ‘संगठन सृजन अभियान’ शिविर में शामिल हुए, जिसमें प्रदेश के 71 नव नियुक्त जिलाध्यक्ष भाग ले रहे हैं। शिविर का उद्देश्य कांग्रेस संगठन को बूथ स्तर तक सशक्त बनाना है।

एक कांग्रेस नेता ने बताया कि राहुल जी ने कहा कि हमें बूथ स्तर तक पहुंचना चाहिए, अपने छोटे से छोटे कार्यकर्ता का सम्मान करना चाहिए और अहंकार को दूर रखकर निरंतर क्षेत्र का भ्रमण करना चाहिए, ताकि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित की जा सके। राहुल गांधी ने शिविर में शामिल जिलाध्यक्षों और उनके परिवारों के साथ भोजन भी किया। इस दौरान उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि “जो नेता अनुचित तरीकों से संपत्ति अर्जित करते हैं, वे अंततः सरकार के सामने झुकने को मजबूर हो जाते हैं। हमें सच्चाई और नीतिपरक जीवन अपनाना चाहिए ताकि कोई हमें ब्लैकमेल न कर सके।राहुल गांधी ने शिविर में जिलाध्यक्षों से मिलने से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से भी चर्चा की।

अजय सिंह ने बताया कि राहुल गांधी ने संगठनात्मक समन्वय पर बल देते हुए 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए जमीनी स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने का आह्वान किया।ज्ञात हो कि कांग्रेस ने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक कमलनाथ के नेतृत्व में 15 महीने तक प्रदेश में सत्ता संभाली थी। इसके अलावा, पार्टी 2003 से अब तक प्रदेश में सत्ता से बाहर है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मध्यप्रदेश में एक भी सीट नहीं मिली थी।

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