बुधवार को मुंबई और पुणे में आयकर विभाग की लगातार करीब 12 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद पहली चीज जो निकलकर सामने आई है वो ये कि इन छापों के दौरान निर्देशक अनुराग कश्यप का अंधेरी पश्चिम में खरीदा गया 14 करोड़ रुपये का फ्लैट इन छापों का ट्रिगर प्वाइंट रहा है। तापसी पन्नू के यहां छापा उनकी दो बड़ी बजट फिल्मों के चलते पड़ा है और इन छापों के लपेटे में रिलायंस एंटरटेनमेंट के ग्रुप सीईओ शिबाशीष सरकार सिर्फ मनी ट्रेल की वजह से आ गए हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इन छापों में एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसियां सेल्फ गोल करती दिखाई दे रही हैं।
मुंबई में करीब ढाई दर्जन जिन जगहों पर आयकर के छापे पड़ने की जानकारी पहली सूचना में सामने आई, उनमें शामिल नाम चौंकाने वाले हैं। ये छापे अनुराग कश्यप की फिल्म कंपनी फैटम में साथी रहे विकास बहल, विक्रमादित्य मोटवाने और मधु मंटेना के यहां तो पड़े ही आयकर विभाग के अफसरों ने इसके अलावा रिलायंस एंटरटेनमेंट के सीईओ शिबाशीस सरकार, एक्सीड कंपनी के सीईओ अफसर जैदी, टैलेंट कंपनी क्वान के सीईओ विजय सुब्रमण्यम आदि को भी इसमें लपेट लिया। क्वान टैलेंट कंपनी में सलमान खान का भी हिस्सा होने की बात सामने आ चुकी है।
वहीं, तापसी पन्नू जिन दो बड़ी फिल्मों में काम करने जा रही हैं, वे अप्रत्यक्ष रूप से मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी बना रही है। ये दोनों फिल्में प्रोडक्शन कंपनी वॉयकॉम 18 के पास प्रस्तावित हैं, इनमें से एक फिल्म में वह शाहरुख खान के साथ हैं और दूसरी एक मशहूर खिलाड़ी की बायोपिक है। ये दोनों फिल्में अभी तक वॉयकॉम 18 की मातृ कंपनी जियो स्टूडियोज से हरी झंडी नहीं पा सकी हैं।
इन छापों के बारे में दिन भर मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में अलग अलग चर्चाएं भी चलती रहीं। लोग इन छापों को राजनीतिक तरीके से भी देख रहे हैं। तमाम सियासी दलों ने इस बारे में बयान भी दिए। उधर, पुणे में तापसी पन्नू से किसी तरह के सवाल जवाब से उनके करीबी सूत्र ने इनकार किया है। अनुराग कश्यप के वर्सोवा वाले घर में जहां उनके अभिभावक रहते हैं, वहां रहने वाले स्टाफ के सारे फोन बंद रहे। अनुराग कश्यप ने हाल ही में मुंबई के अंधेरी वेस्ट में मेगा मॉल के पास एक आलीशान घर खरीदा है, जिसकी कीमत बाजार की दर के हिसाब से 14 से 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मकान के कागजात की भनक लगने पर ही ये छापे पड़े। अनुराग का जिन भी कंपनियों से जरा भी नाता रहा है, उन सबके कागजात इसी 14 करोड़ रुपये की रकम की ट्रेल पता लगाने के लिए जांचे गए हैं।
ये बात भी देखी गई कि सुबह बड़े ही उत्साह के साथ इन ठिकानों पर पहुंचे आयकर अधिकारी जब शाम को जांच पूरी करके निकले तो उनके चेहरों से रौनक गायब थी। इन छापों में उन्हें कोई खास कामयाब मिली हो इस बारे में आयकर विभाग ने कोई बयान भी जारी नहीं किया है। चर्चा ये भी है कि ये छापे एक अभिनेत्री की दिल्ली में राजनीतिक पहुंच के चलते मारे गए और इनका मकसद अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू को साफ संदेश देना भी है।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को सियासी विचारधारा के हिसाब से बांटने की लगातार नाकाम हो रही कोशिशों के चलते भी मुंबई में तैनात केंद्रीय एजेंसियों के अफसरों पर दबाव बढ़ता रहा है। दीपिका पादुकोण इन एजेंसियों के खास टारगेट पर हैं। बुधवार को जिन कंपनियों पर छापे मारे गए उनमें से एक कंपनी दीपिका का काम भी देखती है।
छापों के दौरान मधु मंटेना के महाभारत या रामायण पर फिल्में बनाने के एलान को लेकर कोई पूछताछ नहीं हुई। कुछ खबरो में कहा गया है कि ये छापे मधु मंटेना की इन्हीं फिल्मों के बजट को लेकर मारे गए। फिल्म निर्माण का क, ख, ग भी जानने वालों को पता है कि फिल्म निर्माता सिर्फ फिल्म बनाने का काम करता है। फिल्म में पैसे लगाने का काम फाइनेंसर का है। मधु मंटेना फिल्म निर्माता हैं, निवेशक नहीं। आयकर विभाग ने भी प्रस्तावित योजनाओं को अपनी जांच में शामिल ही नहीं किया है। वह सिर्फ बीते कुछ साल में इन सारे लोगों की वास्तविक आमदनी, संभावित आमदनी और घोषित आमदनी के आंकडों में दिख रही विसंगति की जांच कर रहा है।