राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र अब पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए ऊंची कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। अब तक किसी भी समारोह अथवा कार्यक्रम में मंच पर राज्यपाल के लिए ऊंची कुर्सी लगाई जाती थी, लेकिन मिश्र ने इसे अंग्रेजों के जमाने की परंपरा बताते हुए खत्म करने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल ने कहा कि कुर्सी थोड़ी अलग हो सकती है, लेकिन दूसरों की तुलना में ऊंची ना होकर समान होगी। इस कुर्सी पर अशोक स्तंभ का प्रयोग हो सकेगा ।
राज्यपाल ने राजभवन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बारे में शीघ्र ही गाइडलाइन जारी कर दी जाए। ऊंची कुर्सी नहीं लगाने को लेकर राज्यपाल का मानना है कि वे सब को समान रखने की बात के पक्ष में है।
इससे पहले पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने राज्यपाल के साथ ‘महामहिम’ लगाने और “गार्ड ऑफ ऑनर” की परंपरा काे बंद कराया था। इसे अब राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी जारी रखा है।
मिश्र ने आदिवासी इलाकों को लेकर चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर नियमित रूप से उन्हे ब्रीफ करने के लिए भी सरकार को कहा है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से ही मिश्र राजभवन के दरवाजे आम लोगों के लिए खोले और अब वे नियमित रूप से लोगों से मिलते हैं।
लोगों से मिलने वाले ज्ञापन और पत्र सरकार को भेजे जाते हैं। इनके निस्तारण की मॉनिटिरिंग को लेकर राजभवन के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।