नई दिल्ली : इस साल 1 फरवरी को आम बजट लोक सभा में पेश किया जाएगा. इस साल के बजट में भारतीय उद्योग जगत ने कई प्रस्ताव रखकर कुछ मामलों में करों की दरों में छूट की भी मांग की है. उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने वित्त मंत्रालय को दिए गए बजटपूर्व प्रस्ताव में एसोचैम (एसोसिएट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) ने देश में निवेश को आकर्षित करने के लिए कार्पोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने की सिफारिश की है.वहीं, उद्योग संगठन कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 18 फीसदी (सभी टैक्स/सरचार्ज समेत) करने का प्रस्ताव दिया है.
उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015 के बजट में कहा था कि कॉरपोरेट टैक्स की आधार दर भारत में 30 फीसदी है, जोकि अन्य प्रमुख एशियाई देशों से अधिक है. इसके कारण घरेलू उद्योग प्रतिस्पर्धी नहीं बन पाता है. जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 में कॉरपोरेट टैक्स को कम छूट के साथ विभिन्न चरणों में 4 सालों में 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा की थी.बता दें कि अन्य एशियाई देशों में कॉरपोरेट टैक्स की दर 16 से 25 फीसदी तक है.
भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष का भी मानना है कि सरकार को इसी मार्ग पर चलना चाहिए.इससे हमारे घरेलू उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे, जिससे अधिक निवेश होगा, अर्थव्यवस्था की विकास दर बढ़ेगी.जबकि पीएचडी चैंबर का कहना है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
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