प्रदेश में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन में गड़बड़ी के मामलों की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुपालन में शासन ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है।
उधर, हरिद्वार को छोड़कर राज्य के सभी जिलों से कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिल गई है। इसका परीक्षण शासन स्तर पर किया जा रहा है। वहीं इन केंद्रों के संचालन में किसी भी तरह के घपले के अंदेशे को देखते हुए सरकार ने जिला सेवायोजन अधिकारियों को नियमित मुआयने और हर माह समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एवं उत्तराखंड कौशल विकास योजना के तहत प्रदेश में खोले गए कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों को लेकर शिकायतें मिलने पर विभागीय मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए इसकी जांच के निर्देश दिए थे।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उक्त मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन स्तर पर जांच को दो सदस्यीय टीम गठित की गई है।
इसमें संयुक्त सचिव तकनीकी शिक्षा वेदीराम और सेवानिवृत्त अपर सचिव व सीएम के ओएसडी आरसी शर्मा शामिल हैं। उधर, कौशल विकास विभाग ने भी उक्त संबंध में जिलेवार कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की जांच कर रिपोर्ट तलब की थी। फिलवक्त 13 जिलों में से सिर्फ हरिद्वार जिले से ही जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। अन्य जिले जांच रिपोर्ट सौंप चुके हैं।
शासन जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर रहा है। संपर्क करने पर कौशल विकास विभाग अपर सचिव डॉ इकबाल अहमद ने हरिद्वार को छोड़कर अन्य जिलों से जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का परीक्षण चल रहा है। केस टू केस मामलों का परीक्षण किया जाएगा।