उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बेकाबू होने के साथ ही संक्रमितों की मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वर्तमान में उत्तराखंड में कोरोना मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत दर से भी ज्यादा है। संक्रमण के साथ मरीजों की मौतें रोकना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं, इसके बावजूद संक्रमितों की मौत के मामले नहीं थम रहे हैं।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 1.41 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.13 प्रतिशत है। प्रदेश में पांच दिनों के भीतर प्रदेश में 250 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है।
सोशल डवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि देश की आबादी में उत्तराखंड का हिस्सा करीब एक प्रतिशत है। लेकिन पिछले पांच दिनों में प्रदेश में हुईं मौतों के आधार पर मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी हो गई है।
कोरोना मरीजों की मौत
दिन मौतें
22 अप्रैल 34
23 अप्रैल 19
24 अप्रैल 49
25 अप्रैल 81
26 अप्रैल 67
कुल 250
कोविड एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के आदेश
कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए संचालित 108 एंबुलेंस में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए सरकार ने सभी जिलों को आदेश दिए हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोविड अस्पताल के अलावा 52 डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर, कोविड केयर सेंटर स्थापित हैं। इन केंद्रों में कोविड मरीजों के लिए अलग से 108 एंबुलेंस तैनात है। सरकार ने प्रत्येक एंबुलेंस में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके। प्रभारी सचिव डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने सभी जिलों के जिलाधिकारी, सीएमओ, स्वास्थ्य महानिदेशक, मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों को आदेश जारी किए हैं कि कोविड मरीजों के लिए संचालित एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।