उत्तराखंड में नई बिजली दरों के प्रस्ताव में लगेगी देर

उत्तराखंड में नई बिजली दरों का प्रस्ताव भेजने के लिए यूपीसीएल ने नियामक आयोग से 17 दिसंबर तक का अतिरिक्त समय मांगा है। ऊर्जा निगम का तर्क है कि अभी तक केवल ऑडिट समिति की बैठक ही हुई है। बाकी प्रक्रिया गतिमान है, जो निर्धारित समय तक पूरी न हो सकेगी।

नए वित्तीय वर्ष के लिए तीनों ऊर्जा निगम (यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल) 30 नवंबर तक अपनी याचिका दाखिल करते हैं। इसके माध्यम से तीनों निगम अपनी भावी योजनाओं के खर्च के लिए टैरिफ दरों और पुराने खर्चों की भरपाई की मांग करते हैं। नियामक आयोग में अभी तक किसी भी निगम ने याचिका दाखिल नहीं की है।

उम्मीद जताई जा रही है कि पिटकुल व यूजेवीएनएल की याचिका 30 नवंबर से पूर्व आयोग में दाखिaल हो जाएंगी। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने नियामक आयोग सचिव नीरज सती को एक पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के ऑडिट हुए खातों की समीक्षा के लिए 18 नवंबर को ऑडिट कमेटी की बैठक पूरी हुई है। अब इन्हें निदेशक मंडल की बैठक में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

यूपीसीएल प्रबंधन ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के खर्च, राजस्व के ट्रू अप और वित्तीय वर्ष 2026-27 के एआरआर की तैयारी का काम तेज गति से चल रहा है, जो सात दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। याचिका ऑडिट कमेटी व निदेशक मंडल के अनुमोदन के बाद आयोग में प्रस्तुत की जाएगी।

इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल ने आयोग से अनुरोध किया है कि उन्हें 17 दिसंबर 2025 तक का समय दिया जाए ताकि सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ याचिका दाखिल की जा सके। आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि अभी पत्र प्राप्त हुआ है। आयोग को इस पर अपना निर्णय लेना है।

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