उत्तराखंड पुलिस के आतंकवादी रोधी दस्ते (एटीएस) में अब महिला कमांडो भी नजर आएंगी। 12 दिन के कठिन परिश्रम के बाद 22 महिला कमांडो दस्ते में शामिल हो गई हैं। यह पहली बार है, जब राज्य एटीएस में महिला कमांडो शामिल हुई हैं, जिन्हें शिफूजी शौर्य भारद्वाज ने प्रशिक्षण दिया है। इस दौरान शिफूजी ने कहा, सभी ने पूरी मेहनत से दिन-रात ट्रेनिंग की है।
एटीएस में शामिल होने वाली इन सभी महिला पुलिसकर्मियों को टिहरी के नरेंद्र नगर स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में कमांडो का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस दस्ते में दो सब इंस्पेक्टर और 20 कांस्टेबल हैं। इनकी पहली ड्यूटी हरिद्वार में महाकुंभ में लगाई जाएगी। एटीएस जैसी महत्वपूर्ण विंग में महिला कमांडो की नियुक्ति को पुलिस महकमे और प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस लाइन में उत्तराखंड की महिला कमांडो फोर्स और स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमांडो प्रशिक्षक शिफूजी शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना कार्की, पीटीसी नरेंद्र नगर के प्रशिक्षक हितेश कुमार, कमांडो निरीक्षक नीरज कुमार और प्रशिक्षित महिला पुलिस कमांडो को सम्मानित किया।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस के दस्ते में आज महिला कमांडो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखंड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमांडो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया। उनको प्रशिक्षण देने के लिए शिफूजी शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया। किसी भी विद्या में पारंगत होने का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्म सुरक्षा होना चाहिए। विद्या का सदुपयोग होना जरूरी है। विद्या के ज्ञान के साथ ही चपतलता का होना भी जरूरी है।
पुलिस लाइन में प्रशिक्षित 22 महिला कमांडो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। 104 प्रशिक्षत चीता पुलिस दल का भी मुख्यमंत्री ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में आपदा के दौरान हमारी महिला अधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में सराहनीय कार्य किया गया।
सीएम रावत का कहना है कि स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारंभिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी है। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। यह समाज की आवश्यकता है। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमाण्डो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है। इस तरह के अन्य संगठनों का सहयोग लेकर आने वाले भविष्य में इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने को कहा गया है, ताकि इस तरह का एक बहुत बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में चलाया जा सके।
उन्होंने कहा, महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार अनेक प्रयास कर रही है। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है। हमारी बेटियां सशक्त और मजबूत होनी चाहिए इस सोच के साथ अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम रास्ते बेटियों के लिए खोले हैं। आइएनएस तरंगिणी में पांच महिलाओं ने 18 हजार किमी की जोखिम भरी यात्रा पूरी की। आज बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इन्फेंट्री और सीमाओं पर देश की बेटियां जा रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है।