पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईसाइयों की एक कब्रिस्तान में कब्रों को तोड़ने के मामले में एक सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से गुस्साए ईसाई समुदाय ने रविवार को प्रदर्शन किया।

लाहौर से 200 किमी दूर पंजाब के ओकारा जिले के एक गांव में 12 मई को 30 से अधिक ईसाइयों की कब्रों को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था। इस घटना के बाद मुस्लिम और ईसाई समुदाय के बीच तनाव पैदा हो गया। घटना के छह दिन बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने से गुस्साए ईसाई समुदाय के लोगों ने ओकारा पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन तब खत्म हुआ जब ओकारा के जिला पुलिस अधिकारी अतहर इस्माइल ने आक्रोशित लोगों को जल्द ही घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे कुछ उपद्रवियों का हाथ हो सकता है, जिनका एकमात्र उद्देश्य हिंसा करना है। बता दें कि ईसाइयों की यह कब्रिस्तान 100 साल से अधिक पुरानी है और लगभग छह एकड़ भूमि में फैली है। यहां सबसे पुरानी कब्र 1903 की है। इनमें कई अंग्रेजों की कब्रें भी हैं।
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