चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा छह अप्रैल को है, इसी दिन से ही नवरात्र शुरू हो जाएंगे। मां जगदम्बा भक्तों पर कृपा लुटाएंगी। घरों और मंदिरों में नवरात्र को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक छह अप्रैल को चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा है। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने इस दिन ही सृष्टि का निर्माण प्रारंभ किया था। यह संयोग है कि इस बार प्रतिपदा के साथ ही रेवती नक्षत्र है। इस दिन भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन होगा।
शुभ नहीं वैधृति योग
केए दुबे पद्मेश ने बताया पूजन के समय वैधृति योग भी है। वैधृति योग को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए कलश स्थापना से पहले स्वास्तिक का चिह्न युक्त ध्वजा घर की छत पर फहरानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कलश स्थापना विधि पूर्वक करनी चाहिए। कलश स्थापना के बाद देवी की मूर्ति स्थापित कर उसका षोडशोपचार पूजन करना चाहिए। दुर्गा सप्तशती का, हवन पूजन करने से भगवती की कृपा बरसती है।
इस वर्ष का राजा शनि, आपदा के भी संकेत
केए दुबे पद्मेश के मुताबिक विक्रम संवत 2076 का राजा शनि है और मंत्री सूर्य है। शनि के पिता सूर्य हैं। इस कारण पिता और पुत्र का वर्ष है। शनि के राजा होने के कारण मौसम प्रभावित होगा तथा आपसी रिश्तों में भी तनाव आएगा लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति होगी। आपदा आने के भी संकेत हैं।