ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने प्रदेश में कहर बरपा रखा है. ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान तितली के मद्देनजर जिला अधिकारियों को तैयार रहने और जान माल की हानि से बचने के लिए कहा है. तूफान 11 अक्टूबर को ओडिशा तट से गुजरने की आशंका है. भारतीय मौसम विज्ञान-विभाग (आईएफडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और 11 अक्टूबर को सुबह गोपालपुर और कलिंगपत्तनम के बीच ओडिशा और उत्तर आंध्रप्रदेश के तट को पार करेगा.
मछुआरों को नौ से 12 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्री इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी गई है क्योंकि समुद्री हालात खराब हो सकते हैं. दक्षिणी ओडिशा तट के कुछ इलाकों में मंगलवार को बारिश शुरू हो गई है और ओडिशा के तटीय इलाकों में बुधवार को कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश व अलग-अलग जगहों पर बहुत तेज बारिश हो सकती है. गुरुवार को ओडिशा के तटीय और आसपास की अलग-अलग जगहों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है.
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफानी हवाएं 45-55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है. भुवनेश्वर मौसम विभाग केंद्र के निदेशक एच.आर. बिस्वास ने कहा कि दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तटों के आस-पास के जिलों में 10 अक्टूबर शाम से तूफानी हवाओं के 70-80 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है