उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की पहल पिछले एक साल के दौरान श्यामखेत चाय बागान को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में बदलने में कामयाब हो चुकी है। पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क तय हो गया है। इससे आमदनी भी शुरू हो गई है। पिछले एक साल में यहां एक लाख से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। श्यामखेत चाय बागान 1994-95 में 12 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया था। तब उद्देश्य केवल चाय की बिक्री था। फिर धीरे-धीरे यह इलाका पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने लगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने जनवरी 2018 में फैसला लिया कि बागान में अब 20 रुपये एंट्री फीस लगाई जाई। 
कोलकाता चाय मंडी तक पहुंचाने का प्रयास
यहां इसके साथ ही बोर्ड ने करीब तीन हजार किलो चाय भी बेची। बागान में अच्छी गुणवत्ता वाली चाय की कीमत 1200, 800 और 600 रुपये किलो है। इससे करीब 25 लाख रुपये की आय हुई है। अब बोर्ड की मंशा यहां की चाय को कोलकाता चाय मंडी तक पहुंचाने की है। इसी बागान की तर्ज पर अब चाय विकास बोर्ड निगलाट, पदमपुरी, गुनियालेख, नथुवाखान, बेतालघाट के चाय बागानों को भी पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी में है।
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