लखीमपुर खीरी के पढ़ुआ थाना क्षेत्र के गांव बैरिया में मुस्लिम समुदाय की दो सगी बहनें रविवार रात अपने प्रेमियों के घर पहुंचकर शादी के लिए अड़ गईं। उनका रुख देखकर रात भर पंचायत हुई और काफी जद्दोजहद के बाद उनकी शादी कराने का निर्णय हुआ। सोमवार को दोनों की उनके प्रेमियों से मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी करा दी गई। दोनों बहनों ने अपने नाम भी बदल लिए।
ग्रामीणों के मुताबिक, बैरिया की ही रहने वाली रुखसाना और उसकी बहन जासमीन के प्रेम संबंध गांव के ही एक ही परिवार के दो युवकों रामप्रवेश और सर्वेश से हो गए थे। रविवार देर रात दोनों युवतियां चुपचाप अपने प्रेमियों के घर पहुंचीं तो उनकी जिद से सनसनी फैल गई। पंचायत के जरिये मामला सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन शुरुआत में सहमति न बनने से विवाद की स्थिति भी बनी। हालांकि बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ी।
इसी बीच युवतियों की उम्र को लेकर भी संशय बना रहा, मगर शैक्षिक प्रमाणपत्रों और आधार कार्ड के आधार पर दोनों के बालिग होने की पुष्टि हुई। इस पर दोनों का विवाह कराने का निर्णय हुआ। इसके बाद सोमवार को गांव के मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह हुआ। शादी देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी और माहौल गहमा-गहमी भरा रहा।
दोनों बहनों ने बदले अपने नाम
मामले में प्रधान दामोदर के प्रतिनिधि पूर्व प्रधान लखपत पांडेय ने बताया कि दोनों प्रेमी युगल बालिग हैं। राजी-खुशी से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उनका हिंदू रीति-रिवाज से विवाह कराया गया। इस दौरान रुखसाना बानो का नया नाम रूबी रखा गया और उसकी शादी रामप्रवेश मौर्य से हुई। वहीं, जासमीन का नाम बदलकर चांदनी रखा गया और उसकी शादी सर्वेश मौर्य के साथ मंदिर में सकुशल संपन्न कराई गई।
थानाघ्यक्ष पढु़आ विवेक कुमार उपाध्याय ने बताया कि धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार शादियां होती रहती हैं। यदि किसी विवाद की सूचना मिलती है तो पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद रहती है।