पाकिस्तान की नई इमरान सरकार ने खर्चों पर लगाम लगाने के अपने अभियान के तहत देश के सभी एयरपोर्ट पर नेताओं, जजों और सैन्य अधिकारियों समेत सभी तरह के ‘प्रभावशाली लोगों’ के लिए वीआईपी संस्कृति पर रोक लगा दी है.
गृह मंत्रालय ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को निर्देश दिए हैं कि किसी भी सरकारी अधिकारी या अन्य वीआईपी को हवाई अड्डों पर प्रोटोकॉल नहीं दिया जाएगा. वीआईपी प्रोटोकॉल एफआईए देती है.
डॉन अखबार ने सूचना मंत्री फवाद चौधरी के हवाले से बताया कि बिना किसी भेदभाव के सभी यात्रियों को समान मौके देने के लिए यह फैसला सख्ती से लागू किया जाएगा.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत अधिकारियों तथा नेताओं के सरकारी निधि के अपने मन से खर्च करने और प्रथम श्रेणी से हवाई यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
खबर में कहा गया है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने भी ऐसे फैसले लिए थे लेकिन उन्हें पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका था. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, चौधरी ने बताया कि ऐसा देखा गया है कि प्रभावशाली लोगों को हवाईअड्डों पर वीआईपी प्रोटोकॉल दिया जाता है ताकि उन्हें लंबी कतारों में न लगना पड़े और बिना किसी परेशानी के उनके सामान की जांच हो जाए.
VIP सुविधा दिया तो सस्पेंड होंगे अधिकारी
वीआईपी प्रोटोकॉल आमतौर पर नेताओं, जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ नौकरशाहों, न्यायाधीशों, सैन्य अधिकारियों और पत्रकारों को दिया जाता है. मंत्रालय ने एजेंसी के सभी जोन को भेजे पत्र में कहा कि अगर कोई किसी वीआईपी को प्रोटोकॉल देता पाया गया तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘हवाईअड्डों पर आव्रजन काउंटरों पर नजर रखी जाएगी और अगर किसी वीआईपी से खास बर्ताव होते हुए देखा गया तो संबंधित अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा.’