पाकिस्तान में बीते एक सप्ताह से जारी राजनीतिक घमासान सेना की दखल के बाद ठंडा पड़ना तय है। इस घमासान के पीछे पाकिस्तान में विपक्षी नेता फजलुर रहमान हैं जिन्होंने इमरान खान को सत्ता से हटने और इस्तीफा देने के लिए आज रात तक का समय दिया है। आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि फजलुर रहमान पाकिस्तान की सियासत में बड़ा कद रखने वाले नेता हैं। उनकी सबसे बड़ी मजबूती की वजह है पाकिस्तान में मौजूद मदरसे।
दरअसल, पाकिस्तान में चलने वाले मदरसे फजलुर रहमान के दिशा-निर्देश पर ही काम करते हैं। यही वजह है कि फजलुर रहमान अपनी रैली में भीड़ एकत्रित कर लेते हैं। नवाज शरीफ के कार्यकाल में भी उन्होंने इसी तरह का प्रदर्शन किया था जिसमें हजारों की तादाद में लोगों ने सड़कों पर उतरकर नवाज के खिलाफ नारेबाजी की थी। लेकिन, तब और अब में वक्त काफी बदल चुका है।
सेना और इमरान के लिए फजलुर रहमान कई दिनों से परेशानी खड़ी करते आए हैं। दरअसल, फजलुर रहमान बार-बार इन दोनों को ही कश्मीर के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान की मीडिया में बीते दिनों जो डिबेट हुई हैं उनमें भी यही बड़ा मुद्दा रहा है। इमरान की पीएम की कुर्सी बचे रहने और जाने पर भी कई बार मीडिया में बहस हो चुकी है।
फजलुर रहमान के बढ़ते कद और इमरान को इससे हो रही परेशानी को कम करने के मकसद से ही पाकिस्तान की सेना ने इसमें दखल दिया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की सियासत में वहां की आर्मी सबसे बड़ी भूमिका अदा करती है। पाकिस्तान की स्थापना के बाद से ही वहां पर आर्मी ने अपने कद को बढ़ाना शुरू कर दिया था। पाकिस्तान में पीएम की कुर्सी तक भी वही पहुंचता है जो वहां की आर्मी के दिशा-निर्देशों पर काम करता है। यह बात पूरी दुनिया बखूबी जानती है। पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता से लेकर अन्य समाजसेवी और विशेषज्ञ इस बात को मानते हैं।