लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तीन पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाला पटेल और अंतर सिंह दरबार ने भाजपा का दामन थाम लिया। शुक्ला और पटेल का नाम लोकसभा चुनाव के दावेदारों की पैनल में था। उन्होंने मेयर का चुनाव भी लड़ा था।
वर्ष 2024 राजनीतिक रुप से भी इंदौर और मालवा निमाड़ के लिए बीत रहा साल सुर्खियों मेें रहा। यहां हुए राजनीतिक घटनाक्रमों की चर्चा पूरे देशभर में हुई। खासतौर पर भाजपा के लिए यह साल शुभ रहा। इंदौर के लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक वोटों से जीत का रिकार्ड इंदौर से मना। इंदौर में सबसे ज्यादा नए भाजपा सदस्य बने। कांग्रेस छोड़कर कई पूर्व विधायक व बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए।
बम ने नामांकन तिथि के अंतिम दिन थामा भाजपा का दामन
इंदौर में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अक्षय बम को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया था। भाजपा की तरफ से शंकर लालवानी मैदान में थे। नामांकन तिथि के अंतिम दिन अक्षय बम विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अपना नाम वापस ले लिया। इस घटनाक्रम से राजनीतिक गरमा गई,क्योकि कांग्रेस से डमी उम्मीदवार ने भी नामांकन नहीं भरा था। कांग्रेस ने इंदौर में बगैर उम्मीदवार के चुनाव लड़ा।
बम को भाजपा में लाने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ी भूमिका निभाई। इसके बाद बम ने भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी पूरे देश में सर्वाधिक वोटों से चुनाव जीते। उनकी जीत का अंतर 11.75 लाख था। इतने वोटों की बढ़त से पूरे देश में सिर्फ उनकी ही रही।
विजयवर्गीय का कांग्रेस कार्यालय में स्वागत पड़ा मंहगा
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बीएसएफ टेकरी में सर्वाधिक पौधे लगाने का रिकार्ड बनाने का शहरवासियों से आव्हान किया। वे कांग्रेस पदाधिकारियों को आमंत्रित करने कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन भी पहुंचे। वहां कांग्रेसियों ने उनका बुके देकर और गुलाब जामुन खिलाकर स्वागत किया। यह बात कुछ कांग्रेसियों को नागवार गुजरी। राजनीति गरमाने के बाद शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को सात दिन के निलंबित कर दिया गया।
कांग्रेस के तीन पूर्व विधायक हुए भाजपा में शामिल
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तीन पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाला पटेल और अंतर सिंह दरबार ने भाजपा का दामन थाम लिया। शुक्ला और पटेल का नाम लोकसभा चुनाव के दावेदारों की पैनल में था। उन्होंने मेयर का चुनाव भी लड़ा था। संजय अपना दूसरा विधानसभा चुनाव कैलाश विजयवर्गीय से हार गए थे। इसके अलावा महू विधानसभा से बागी उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने वाले अंतर सिंह दरबार भी भाजपा में आ गए।
कुछ दिनों बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी बने राम किशोर शुक्ला ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। इसके अलावा इंदौर के चार नंबर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े राजा मंधवानी भी भाजपा में शामिल हो गए।
विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री के सामने उठाया नशा बेचने वालों का मुद्दा
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दशहरा मैदान में हुए एक आयोजन में इंदौर में अवैध नशा और ब्राउनशुगर बेचने का मुद्दा दमदारी से उठाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान से इंदौर में नशा आता है और तस्करों की पूरी सूची उनके पास है। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस को इस मामले में सख्ती बरतने को कहा था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बाद में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी।
इंदौर जिले में भाजपा एक भी सीट नहीं हारी
इंदौर जिले में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक रिकार्ड बनाया। जिले की सभी 9 सीटे भाजपा ने जीत ली। तीन नंबर, राऊ विधानसभा और देपालपुर में मुकाबला टसल वाला माना जा रहा था, लेकिन एक भी सीट कांग्रेस इंदौर जिले में नहीं जीत पाई। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी भी राऊ विधानसभा सीट से चुनाव नहीं जीत पाए।
इंदौर में सबसे ज्यादा भाजपा के सदस्य बने
भाजपा के देशव्यापी सदस्यता अभियान में इंदौर ने बाजी मारी। इंदौर में सबसे ज्यादा छह लाख सदस्य भाजपा पदाधिकारियों ने बनाए। एक नंबर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा नए सदस्य भाजपा से जुड़े। इंदौर में सबसे ज्यादा सदस्य बनने की घोषणा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की। इसे भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की बड़ी उपलब्धि माना गया।
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