दुनिया की पहली ड्राइवरलेस सोलर बस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में सफर करेंगे। इस दौरान वे 106वीं साइंस कांग्रेस के उद्घाटन स्थल तक हजारों युवाओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए पहुंचेंगे।
तीन से सात जनवरी तक एलपीयू में चलने वाली साइंस कांग्रेस की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। कैंपस में पढ़ने वाले 30 हजार से ज्यादा छात्रों में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्साह है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री के सपनों के भारत के निर्माण में युवाओं की अहम भागीदारी के रूप में 300 से ज्यादा युवाओं की टीम द्वारा तैयार की गई ड्राइवरलेस सोलर बस सभी के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।
साइंस और टेक्नोलॉजी को लेकर हमेशा देशवासियों को उत्साहित करने वाले मोदी के इस बस के सफर पर फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन विद्यार्थियों को पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री इस बस पर सवार होकर उनकी मेहनत को जरूर सफल बनाएंगे।
भारत में इस प्रकार की बसें कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा विकसित की जा चुकी हैं, लेकिन ड्राइवरलेस सोलर बस पहली बार तीन जनवरी को पूरी दुनिया के सामने होगी। करीब छह लाख रुपए कीमत की इस बस को तैयार करने में एलपीयू के सीएसई व मैकेनिकल इंजीनियरिग के विद्यार्थियों को दो साल लगे।
मोबाइल फोन से ऑपरेट हो सकेगी बस
बस में कई फीचर्स दिए गए हैं। इनमें मोबाइल फोन से बस को चलाया जा सकेगा, रोका और मोड़ा जा सकेगा। आईपी एड्रेस की आधुनिक तकनीक के साथ बस कनेक्ट रहेगी। जीपीएस व ब्लूटूथ के साथ भी बस को कनेक्ट किया जा सकता है। रास्ते में कहीं कोई रुकावट या दुर्घटना होने जैसी बात दिखाई देगी तो बस में लगे सेंसर उसे दूसरी दिशा दे देंगे या फिर बस को पीछे कर देंगे।
विद्यार्थियों ने देश को कुछ नया देने की कोशिश की : अशोक मित्तल
एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल का कहना है कि बस का निर्माण करके युवा विद्यार्थियों ने देश को कुछ नया देने की कोशिश की है। बस में आगे और फीचर्स दिए जाएंगे, जिससे यह आम लोगों के लिए पूरी तरह से पर्यावरण फ्रेंडली बनकर प्रदूषण मुक्त भारत के निर्माण में सार्थक पहल साबित हो सके।
बस की खास बातें
ऊंचाई : आठ फीट
वजन : 1500 किलो
चौड़ाई : 5 फीट
लंबाई : 12 फीट
सिटिग क्षमता : 12 सवारियां
लागत : 6 लाख रुपए
स्पीड : 30 किमी प्रति घंटा
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