सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले में 26 सीआरपीएफ जवानों की शहादत और कई जवानो के घायल होने के बाद अब इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें की जाएंगी, लेकिन इतना तो तय है कि इस घटना में ख़ुफ़िया विभाग की नाकामी साफ नजर आ रही है, जिसने अपने फर्ज को सही तरीके से अंजाम नहीं दिया और नक्सली अपने मकसद में कामयाब हो गए.
बता दें कि सुकमा जिले में हुई नक्सली वारदात के बाद एक बार फिर बस्तर में पुलिस इंटेलिजेंस के असफल होने की खबरें आ रहीं हैं. नक्सलियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए बस्तर में एक बड़े अमले के साथ एसआईबी सक्रिय है.जिसके जिम्मे सुरक्षा जवानों को नक्सलियों की आने -जाने की सूचनाएं इकट्ठी कर देना है. इसी इनपुट के बाद सुरक्षा बलों को सर्चिंग, रोड ओपनिंग और एरिया डॉमिनेशन के आॅपरेशन में भेजा जाता है.
नक्सली हमला : 25 जवान शहीद, 6 जवान लापता, CRPF ने चलाया कॉम्बिंग आपरेशन
सूत्रों के दावे पर यकीन करें तो पिछले कुछ दिनों से पुलिस की मैदानी इंटेलिजेंस कमजोर पड़ रही थी.इस काम के अनुभवी अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय पदस्थ किया जाने लगा था. नक्सलियों ने इसीका फायदा उठाकर अपनी रणनीति बनाई और घटना को अंजाम देने के लिए अपनी महिला विंग के साथ स्थानीय ग्रामीण महिलाओं की भी मदद ली.जबकि नक्सलियों की गतिविधियों को जानने का बल के पास कोई भी सूचना नहीं थी . दरअसल उसे इतने बड़े हमले की आशंका भी नहीं थी.
जबकि दूसरी ओर नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के आरओपी प्लान में सेंधमारी कर यह हमला किया. लंबे समय बाद भरी दोपहरी में हमले की योजना बनाई. हमले के लिए ग्रामीण महिलाओं से रेकी भी करवाई. पुलिस पार्टी चिंतागुफा से बुरकापाल सड़क के कांक्रीटीकरण से पहले एरिया डामिनेशन के लिए निकली थी, लेकिन वे नक्सलियों की रणनीति को समझ नहीं पाए. 300 नक्सलियों के हमले से संभलते हुए जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन एक-एक कर 26 जवान शहीद हो गए. इस मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों के मारे जाने की भी खबर है.