बिहार में इंटर की परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर बीजेपी बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय का कहना है कि सवाल केवल 8 लाख फेल छात्रों का नहीं है, बल्कि उन सभी 12 लाख छात्रों का है जिन्होंने इंटर की परीक्षा दी थी. 4 लाख छात्र-छात्राएं जो पास हुए हैं, उनके साथ भी न्याय नही हुआ है. इसलिए केवल स्क्रूटनी कराने से काम नही चलेगा. जब तक सभी छात्र-छात्राओं की उतर पुस्तिका का पूर्नमूल्यांकन नही हो जाता है, तब तक बीजेपी चुप नही बैठेगी.
नित्यानंद का कहना है शिक्षा के मामले में सरकार हर जगह फेल है. न तो पढाई ढंग से होती है और न ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन, ऐसे में छात्र-छात्राओं का क्या दोष है कि उन्हें फेल करा दिया जाता है. उनका कहना है कि आखिर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच किन शिक्षकों से कराई गई, क्या उन्हें कॉपी जांच का अनुभव था?
नियम के मुताबिक वैसे शिक्षक कॉपी की जांच कर सकते हैं, जिन्हें पढ़ाने का कम से कम तीन वर्षों का अनुभव हो, लेकिन सरकार ने उनका अनुभव नही देखा बल्कि डिग्री देखी. अगर वो बीएड, पीजी है तो उसे जांचने की अनुमिति दे दी गई. यह छात्रों के साथ अन्याय नही तो और क्या है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक गणेश कुमार को मोहरा बना कर पूरे सिस्टम को बचाया जा रहा है. इस मामले में शिक्षा मंत्री से लेकर तमाम अधिकारी दोषी हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो रही है. मामला केवल उम्र के घटाने -बढ़ाने का नहीं है, मामला है 12 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का. इससे बिहार के 12 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं. जो बच्चे पास भी हुए है, वो कहीं नामांकन के लायक नहीं बचे हैं. उन्होंने कहा कि कम्पार्टमेंट परीक्षा केवल दो विषय का ही, क्यों पूरे विषय में जो बच्चे फेल हुए है उन्हें भी मौका मिलना चाहिए.
बीजेपी छात्रों के इन मुद्दों को लेकर एक बड़ा आंदोलन करना चाहती है, जो कि जेपी के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन के तर्ज पर होगा. 1974 में जेपी ने छात्रों के बल पर ही बिहार से इस आंदोलन की शुरूआत की थी. नित्यानंद राय 26 जून से इस मुद्दे को लेकर पद यात्रा करने जा रहे हैं.