समलैंगिक विवाह पर आज (6 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीए एस नरसिम्हा की दो सदस्यीय पीठ इस मामले में पहले ही केंद्र से जवाब मांग चुकी है। इसका समर्थन करने वाले लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि भारत में भी इसे मान्य किया जाए। वहीं, इस दौरान अलग-अलग हाईकोर्ट से सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिकाओं पर भी बहस होगी। मामले पर पिछली सुनवाई 14 दिसंबर 2022 को हुई थी।
बता दें कि समलैंगिक विवाह पर होने वाली सुनवाई को लेकर वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने की मांग की है। जिस पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि जब सुनवाई होगी तो हम इस पर विचार करेंगे।
32 देशों में मिल चुकी है मान्यता
बता दें कि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट सहमति से समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर कर चुकी है लेकिन शादी करने की मान्यता अब तक नहीं मिली है। वहीं, दूसरी तरफ दुनिया के 32 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट आज उन याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा जिसमें समान लिंग विवाह को मान्यता देने के लिए उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है।
पहली याचिका सुप्रियो और अभय ने की दायर
इस मामले में पहली याचिका हैदराबाद में रहने वाले समलैंगिक जोड़े सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग ने दायर की थी। बता दें कि ये दोनों लगभग 10 सालों से एक दूसरे के साथ रह रहे हैं। कोरोना के दौरान दोनों पॉजिटिव हुए और जब ठीक हुए तो दोनों ने परिवार के साथ अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए मैरिज कम कमिटमेंट सेरेमनी आयोजित करने इस बात का फैसला किया था। वहीं अब दोनों चाहते हैं कि उनकी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मान्यता दी जाए।
दूसरी याचिका पार्थ और उदय ने की दायर
वहीं, समलैंगिक विवाह को लेकर दूसरी याचिका पार्थ फिरोज मेहरोत्रा और उदय राज आनंद ने दायर की है। बता दें कि ये दोनों पिछले 17 साल से एक दूसरे के साथ रह रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि वे दोनों एक साथ मिल कर दो बच्चों की परवरिश भी कर रहे हैं, लेकिन कानूनी रूप से उनकी शादी अब तक पूरी नहीं हो पाई है जिसके कारण वे दोनों अपने बच्चों के साथ कानूनी संबंध नहीं रख सकते हैं।
ये दोनों याचिकाएं LGBTQ लोगों को उनके मौलिक अधिकार के हिस्से के रूप में अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के अधिकार का विस्तार करने संबंधी दिशा की मांग करती हैं।
दिल्ली-केरल हाई कोर्ट में दायर 9 याचिकाएं
स्पेशल मैरिज एक्ट, फॉरेन मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट और केरल हाईकोर्ट में 9 याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील ने बेंच को केरल हाईकोर्ट में दिए गए केंद्र के बयान के बारे में बताया कि वह सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए कदम उठा रहा है।
इन देशों में लीगल है समलैंगिक विवाह
- अर्जेटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- कनाडा
- क्यूबा
- डेनमार्क
- फिनलैंड
- फ्रांस
- जर्मनी
- माल्टा
- न्यूजीलैंड
- दक्षिण अफ्रीका
- स्वीडन
- ताइवान
- ब्रिटेन
- अमेरिका