कंगना रनौत ने दर्शकों को लगातार चौंकाने का मन बना लिया है। तभी अपनी अगली फिल्म सिमरन में वो वह करने जा रही हैं जो उन्होंने अब तक नहीं किया। गुजराती अप्रवासी प्रफुल पटेल के रोल में वो बैंक डकैतियों को अंजाम देंगी। इससे पहले उन्होंने अपने करियर में पाक-साफ युवतियों की भूमिकाएं निभाई हैं। यहां उनका किरदार महत्वाकांक्षाएं पूरी न होने पर अपराध के दलदल में फंस और धंस जाता है। दिलचस्प बात यह है कि कहानी सत्य घटना से प्रेरित है। अमेरिका में एक अप्रवासी युवती ने अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने की खातिर जुर्म का रास्ता अख्तियार किया था। हिंदी सिने जगत ने चुनिंदा मौकों पर ही मेनस्ट्रीम हीरोइन से वैम्प के रोल करवाए हैं। हां, इतना जरूर है कि जब-जब करवाए तब-तब फिल्म और अभिनेत्री, दोनों ने जमकर सुर्खियां बटोरीं।
आग में जलेंगी कंगना, सिमरन में करेंगी बैंक डकैती
ऐतराज की सोनिया रॉय
ऐतराज में मॉडल सोनिया रॉय की भूमिका में प्रियंका चोपड़ा ने सबको चौंका दिया था। सोनिया शुद्ध वैम्प थी जिसे सिर्फ खुद की तरक्की से मतलब रहता है। उसकी खातिर वह रिश्तों को तार-तार करने से भी नहीं चूकती। वह हर पैंतरे आजमाती है। बात न मानने वाले राज नायक को घुटने के बल लाने को वह हर मुमकिन कोशिश करती है। सोनिया के खौफनाक इरादों को प्रियंका चोपड़ा ने पर्दे पर बखूबी पेश किया। आलम यह रहा कि हीरो अक्षय कुमार और हीरोइन करीना कपूर खान से ज्यादा वाहवाही प्रियंका लूट ले गईं। फिल्मफेयर ने उन्हें उस साल नेगेटिव रोल के खिताब से भी नवाजा।
द डर्टी पिक्चर की सिल्क
फिल्म की कहानी साउथ में अपने जमाने की सेक्स सायरन रही सिल्क स्मिता की जिंदगी से प्रेरित थी। स्लम से निकल ग्लैमर वर्ल्ड में नाम कमाने को वह हर सीमाएं लांघ जाती है। वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की खातिर कइयों के संग हमबिस्तर भी हो जाती है। औरत होने के चलते उसे इन हरकतों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। मीडिया उसके नाजायज संबंधों को चटखारे लेकर उछालने लगता है। सिल्क बिखरकर मौत की गोद में चली जाती है। नाजायज संबंधों पर एकाधिकार क्या सिर्फ मर्दों का है? वह वैसे संबंधों के साथ भी अपनी जिंदगी सहज भाव से चला लेता है। फिर औरतों को लेकर ही नैतिक मूल्यों की दुहाई क्यों दी जाने लगती है। सिल्क के जरिए विद्या बालन ने यह सवाल समाज से किया। विद्या ने जानदार काम किया। अपनी परफॉरमेंस से उन्होंने सिने पुरस्कारों की झड़ी लगा दी थी।
धक-धक गर्ल का धमाल
छोटा शहर, खस्ताहाल नवाब, बेरंग हवेलियां और उनमें होने वाले षड्यंत्रों के इर्दगिर्द बेस्ड थी ‘डेढ़ इश्किया’। बेगम पारा के रोल में धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित बिल्कुल अलग अंदाज में दिखीं। बब्बन और खालूजान को वो जिस तरह मूर्ख बनाती हैं वह लाजवाब था। उससे पहले उन्होंने अंजाम में शिवानी के रोल में बिगड़ैल रईसजादे विजय से बदला लिया था। उस रिवेंज थ्रिलर में भी माधुरी का काम लोगों को भाया था।
पिंक में बदले से हैं तापसी के अंदाज
फिल्म पिंक में तापसी पन्नू के अलग तेवर लोगों को देखने को मिलेंगे। चश्मेबद्दूर में प्यारी सी लड़की की भूमिका से तो बिल्कुल उलट। पिंक में वो यौन हमले झेल चुकी लड़कियों को न्याय दिलवाती हैं। वह भी आंख के बदले आंख वाले न्याय नियम के तहत। तापसी का किरदार किन साजिशों व हथकंडों से मनचलों को सबक सिखाती है पिंक का कोर्टरूम ड्रामा उसकी बानगी है।