Porn sites को search करने में भारत सबसे आगे है. लेकिन अगर इस बारे में नॉलेज की बात करें तो हमारे देश में इसकी कमी पाई जाती है, वजह साफ़ है की हम इसे देखते तो है, लेकिन इसके बारे में जानते नहीं है. आज हम बात करने जा रहे हैं, ब्लू फिल्म्स की, मतलब पोर्न की. क्या आप जानते हैं की इन्हे blue film क्यों कहते हैं, नहीं, तो हम आपको बताते हैं इसके पीछे का रहस्य.
पहले Porn sites ज्यादा विकसित न होने के कारण इन फिल्मों का बजट काफी कम हुआ करता था, इसीलिए इन फिल्मों की ब्लैक एंड व्हाइट रीलों को कलर करने के लिए सस्ते तरीके अपनाये जाते थे, और जिसमे ब्लू कलर के ही ज्यादा शेड्स दिखाए जाते था, क्योंकि यह कलर ज्यादा आकर्षित करता है, इन फिल्मों के पोस्टर्स भी ब्लू ही होते थे.
इस जगह लोग सिर्फ दिन भर पोर्न देखने का करते हैं जॉब, मिलती है इतनी मोटी सैलरी कि जानकर उड़ जायेंगे होश
आज से 30 -40 साल पहले जब सीडी प्लेयर्स, मोबाइल्स, कम्प्यूटर्स आदि उपकरण नहीं थे और घर पर पोर्न देखने का मात्र एक ही जरिया था और वो था वीसीआर. उस समय वीडियो स्टोर्स नॉर्मल वीसीआर कैसेट्स को सिंपल पॉलिथिन में दिया करते थे जबकि पोर्न मूवीज की कैसेट्स को ब्लू कलर की पॉलीथिन में दिया जाता था, ताकि उसका कवर किसी को दिखाई न पड़े.