हमारे देश में कई लोग हैं जो कार चलाते हैं और उनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जो विदेश जाते हैं तब वहाँ भी कार की सैर करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें उन्हें बहुत दिक्कत आती हैं, क्योंकि भारत की कारों में दायीं तरफ स्टेयरिंग होता हैं जबकि विदेशों में बायीं ओर। जी हाँ, लेकिन ऐसा क्यों होता हैं क्या आपने कभी जानने की कोशिश की हैं। तो चलिए आज हम बताते हैं इसके पीछे का कारण।
इंग्लैंड में शुरू से ही कारें सड़क के बायीं ओर ही चलतीं हैं। 1756 में इंग्लैंड में इसे कानून बना दिया गया और इस कानून का पालन सभी ब्रिटिश शासित देशों में किया जाने लगे। भारत भी इंग्लैंड का गुलाम रह चुका है और इस कारण भारत में भी ये कानून लागू हुआ और कारें सड़कों के बायीं ओर चलने लगीं।
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18वीं शताब्दी में अमेरिका में टीमस्टर्स की शुरुआत हुई थी। इसे घोड़ों की मदद से खींचा जाता था। इस वैगन में ड्राइवर के बैठने के लिए जगह नहीं होती थी और इसलिए वो सबसे बाएं घोड़े पर बैठकर दाएं हाथ से चाबुक इस्तेमाल करता था। लेकिन इससे वो ड्राइवर पीछे आने वाले वैगनों पर नजर नहीं रख पाता था और इसलिए बाद में अमेरिका में सड़क के दायीं ओर चलने का कानून बन गया।
मौजूदा समय में विश्व भर में 163 देशों में सड़क के दायीं ओर चलने का नियम है, वहीं 76 देश ऐसे हैं जहां सड़क के बायीं ओर चला जाता है। यूरोप में ब्रिटेन, आयरलैंड, माल्टा, साइप्रस को छोड़कर कहीं भी गाड़ियां बायीं ओर नहीं चलतीं। चीन की बात करें तो यहां भी गाड़ियां दायीं ओर ही चलतीं हैं। लेकिन चीन के आधिपत्य वाले हॉन्गकॉन्ग में गाड़ियां बायीं ओर चलतीं हैं।