आइये जानते हैं कि क्यों होता हैं हमारा रंग कला या भूरा…

World में हर रंग के लोग पाए जाते है. हम यहाँ शरीर की तव्चा के रंग की बात कर रहे है. कई बार हम सोचते है की क्यों में सावला और दूसरा आदमी गोरा है. आज हम आप को ये बताते है.

Skin के रंगो का भिन्न होने के कारण.
White black human colour. पहला तो है अनुवांशिक. मतलब हमारे माता -पिता से मिलता जुलता हमारी तव्चा के भी रंग का होना.दूसरा कारण है हमारे शरीर में पाया जाने वाले मेलेनिन पदार्थ.

मेलेनिन ही वो घटक है जो हमारे तव्चा के रंग के लिए जिम्मेदार है.मेलेनिन इस बात पे depend करता है की हम कितने टाइम सनलाइट में रहते है.मतलब जहा हम रहते है वहा सूर्य से निकलने वाली UV Rays की मात्रा कितनी है. जब भी हम सूरज की किरणो में बाहर निकलते है.

बनाना चाहते हैं अपने रिश्ते को मजबूत, तो अपनाए कुछ ये मामूली से तरीके…

सूरज की UV किरणो से हमारी तव्चा को बहुत हानि हो सकती है. लेकिन मेलेनिन इस हानि को रोकता है. वह हमारे तव्चा केDNA को UV किरणो से होने वाले नुक्सान से बचता है. तव्चा के DNA की हानि से हमें तव्चा का कैंसर होने का खतरा रहता है.

Melanin की तव्चा में कम या ज्यादा मात्रा ही आदमी में भिन्न -२ रंगो के होने का कारण है. भू- मध्ये रेखा पर या आस-पास रहने वाले लोगो पर UV किरणो का ज्यादा असर पड़ता है. इस से मेलेनिन का ज्यादा स्त्राव होता है. जिसके कारण  तव्चा का रंग काले या गहरे काले रंग का हो जाता है. वंही आर्कटिक महादवीप में रहने वालो पर UV किरणे कम पड़ती है तो उनकी तव्चा का रंग हल्का,भूरा,या गोरा हो जाता हैं.

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com