आइआरएस अधिकारी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी को पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करना महंगा पड़ा। पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को त्रिपाठी को पहली पत्नी अपर्णा त्रिपाठी को 6 सप्ताह के अन्दर बतौर क्षतिपूर्ति 50 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की दूसरी पत्नी एडीएम श्वेता मिश्रा को भी 2 सप्ताह के अन्दर अपर्णा त्रिपाठी को 10 लाख रुपए देना है।

आरोप है कि इस आइआरएस अधिकारी ने अपनी पहली पत्नी अपर्णा त्रिपाठी के रहते हुए श्वेता मिश्रा से विवाह कर लिया। यह घटना तब की है, जब श्वेता मिश्रा छपरा में डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदस्थापित थी। हालांकि इस घटना के पूरे मामले की जांच हुई।
श्वेता को कार्मिक एवं सुधार विभाग द्वारा जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। इस बर्खास्तगी के आदेश को उन्होंने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एपी शाही एवं न्यायाधीश अंजना मिश्रा की दो सदस्यीय खंडपीठ ने की। हालांकि एकलपीठ ने श्वेता की बर्खास्तगी को असंवैधानिक करार दे दिया था। एकलपीठ के आदेश को राज्य सरकार ने अपील के माध्यम से दो सदस्यीय खंडपीठ में चुनौती दी थी। मामले की अगली सुनवाई क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने के बाद होगी।
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