अवैध धर्मांतरण मामले में कानूनी शिकंजा कसने के बाद छांगुर का करीबी ईदुल इस्लाम फरार चल रहा है। उसका पता-ठिकाना भी फर्जी निकला। एटीएस उसे एक माह से महाराष्ट्र में तलाश रही है। खुद को आरएसएस से जुड़े संस्थान का महासचिव बताता था। जांच में वह संस्था भी फर्जी मिली।
अवैध धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के साथी नागपुर निवासी ईदुल इस्लाम का पता-ठिकाना फर्जी मिला है। उसकी तलाश में एटीएस बीते एक माह से महाराष्ट्र में खाक छान रही है। छांगुर पर कानूनी शिकंजा कसने और मुकदमे में नामजद होने के बाद से ईदुल फरार चल रहा है। हालांकि इससे पहले उसने कई बार बलरामपुर और लखनऊ आकर पुलिस अधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश भी की थी।
बलरामपुर से संचालित अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक ईदुल आरएसएस से जुड़े जिस भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ का खुद को अवध प्रांत का महासचिव बताता था, जांच में वह संस्था भी फर्जी पाई गई है। ईदुल इसी संस्था का नागपुर कनेक्शन बताकर अफसरों पर रौब गांठने का प्रयास करता था।
16 करोड़ की जमीन का किया था सौदा
जांच में सामने आया है कि छांगुर को ईदुल ने भी कई बार फंडिंग की थी। उसने पुणे में 16 करोड़ रुपये की जमीन का सौदा किया था, जिसे नवीन रोहरा और छांगुर आदि खरीदने वाले थे। अब उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी है।