छठी मैया ने अर्घ्य से पहले ही पटना के लोगों पर अपनी मेहरबानी दिखा दी है। पटना के लोगों के लिए राहत वाली खबर खरना के दिन ही आ गई है। दरअसल, पटना में डेंगू के मामले पिछले करीब एक महीने से लगातार बढ़ते जा रहे थे। छठ से पहले यह रुझान बदल गया है।

साफ-सफाई और ठंड बढ़ने का असर
पटना में छठ महापर्व को लेकर हुई साफ-सफाई और बढ़ी ठंड का असर डेंगू बुखार पर दिखने लगा है। डेंगू मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। शुक्रवार को राजधानी में 194 नए मामले आए। इनमें से गुरुवार को लिए गए नमूनों में से 123 की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। वहीं पीएमसीएच में 67 लोगों की जांच में से 36 और एनएमसीएच में 103 में से 35 की रिपोर्ट पाजिटिव आई है।
मौतों की संख्या स्पष्ट नहीं कर रहा विभाग
हालांकि, दोनों अस्पतालों की रिपोर्ट अभी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में शामिल नहीं है। इसके साथ ही जिले में डेंगू रोगियों की संख्या 5218 हो गई है। 2016 के बाद यह एक वर्ष में मिले डेंगू मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। इसके पहले 2019 में करीब साढ़े चार हजार डेंगू के मामले मिले थे और 22 लोगों की मौत हुई थी। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग मौतों की संख्या स्पष्ट नहीं कर रहा है।
एनएमसीएच समेत अन्य अस्पतालों में रोगियों की संख्या घटी
पटना जिले में डेंगू रोगियों की संख्या के साथ अस्पतालों में भर्ती रोगियों की संख्या में भी कमी आई है। अबतक सरकारी अस्पतालों में एनएमसीएच और निजी में रूबन मेमोरियल में सबसे अधिक डेंगू मरीज भर्ती हुए हैं। शुक्रवार समेत गत चार दिनों से एनएमसीएच में औसतन 40 मरीज इलाज करा रहे हैं। शुक्रवार को 8 नए रोगी भर्ती हुए वहीं 6 को डिस्चार्ज किया गया है। पीएमसीएच में यह संख्या 35 है और रूबन मेमोरियल में 150 से घटकर यह आंकड़ा 50 से 60 रोगियों पर आ गया है।
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