अयोध्या। कोविड-19 की चुनौती के बीच चौदहकोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा समाप्त होने के बाद अब पूर्णिमा स्नान को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। राममंदिर निर्माण शुरू होने को लेकर भक्त उत्साहित हैं ऐसे में सरयू स्नान के लिए पूर्णिमा को लाखों की भीड़ जुटने की उम्मीद है। पूर्णिमा स्नान पर भक्तों को रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है जिसके लिए प्रशासन ने प्लान बनान शुरू कर दिया है।
पंचकोसी परिक्रमा में भक्तों का खासा उत्साह दिखा। बुधवार देर रात तक परिक्रमा पथ पर भक्त परिक्रमा करते नजर आए। करीब डेढ़ लाख भक्तों ने पंचकोसी परिक्रमा कर पुण्यार्जन किया। परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान कर रामलला, हनुमानगढ़ी,कनक भवन का दर्शन तथा नागेश्वरनाथ में अभिषेक पूजन भी किया। परिक्रमा के दौरान कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता के दृष्टिगत 17 जगहों पर कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील रहे।
जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा संपूर्ण परिक्रमा मार्ग पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था व साफ-सफाई सुनिश्चित की गई थी। अधिकारियों द्वारा कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता के दृष्टिगत स्वयं को सुरक्षित रखते हुए लोगों को नियमित जागरूक किया जाता रहा और लोगों को बचाव संबंधी सभी एहतियात बरतने संबंधी दिशा निर्देश दिए जाते रहे।
कार्तिक मेले का समापन 30 नवंबर को पूर्णिमा स्नान के साथ ही हो जाएगा। इस बार स्नान में लाखों भक्तों की भीड़ जुटने की उम्मीद है। ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल के बीच स्नान संपन्न कराने के लिए प्रशासन रणनीति बनाने जुटा हुआ है। एसपी सिटी विजयपाल सिंह ने बताया कि परिक्रमा की तरह ही पूर्णिमा स्नान में भी बाहरी श्रद्घालुओं को अयोध्या में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। स्थानीय भक्त ही कोरोना के नियमों का पालन करते हुए स्नान-पूजन कर सकेंगे। बताया कि 29 नवंबर से ही अयोध्या में बाहरी भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।