पूरी दुनिया वैश्विक संकट कोविड-19 से जूझ रही है। दुनिया के सभी देशों में कोरोना की वैक्सीन को तैयार करने का काम जारी है। कई अमेरिकी कंपनियां भी इस खतरनाक वायरस की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई है।
वहीं, अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर इंक ने इसी कड़ी में तैयार किए गए कोरोना के पहले प्रयोगात्मक वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू कर दिया है।
कंपनी ने वैक्सीन का अमेरिकी मरीजों पर परीक्षण किया है और रेजेनरॉन फार्मास्यूटिकल्स ने कहा है कि अगर यह दवा काम नहीं भी करती है तो तब भी एक अन्य एंटीबॉडी उपचार उपलब्ध हो सकता है।
बताया गया है कि इस दवा को जून में मानव शरीर पर अध्ययन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, गिलियड साइंसेज इंक दुनिया भर में उपयोग के लिए अपने वायरस उपचार के विनिर्माण का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है।
गौरतलब हो कि दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 58 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 37 लाख 27 हजार से ज्यादा हो गई है।
जबकि 12 लाख 42 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 72 हजार को पार कर गई है और 12 लाख 37 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने, औषधि खोज, रोग-निदान और परीक्षण में भारत के प्रयासों की मौजूदा स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की। मोदी ने कोरोना वायरस टीका विकास पर एक कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में शैक्षिक समुदाय, उद्योग और सरकार के असाधारण रूप से साथ आने का संज्ञान लिया गया। मोदी ने महसूस किया कि इस तरह का समन्वय और गति मानक संचालन प्रक्रिया में सन्निहित होनी चाहिए।
बयान में कहा गया कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संकट में जो संभव है, वह वैज्ञानिक कार्यप्रणाली की हमारी नियमित शैली का हिस्सा होना चाहिए।
बैठक के बाद ये बताया गया कि देश में कोरोना की 30 टीकों को तैयार करने का काम अलग-अलग स्तर पर है। इनमें से कुछ का ट्रायल भी शुरू होने वाला है।