अमेरिका की ओर से तालिबान पर बुधवार को हवाई हमले किए गए। यह जानकारी अमेरिकी मिलिट्री के प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में 4 मार्च को अमेरिका ने तालिबान पर हमला किया।

अफगानी सुरक्षाबलों पर तालिबान द्वारा किए गए हमले के जवाब में यह कार्रवाई की गई।तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सुरक्षाबलों को निशाना बनाए जाने के कुछ ही घंटों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि फोन पर तालिबानी नेता के साथ उनकी अच्छी बातचीत हुई है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते के बाद अफगानिस्तान द्वारा कुछ लड़ाकों को रिहा करने से इनकार करते ही हालात बिगड़ गए। तालिबान ने तुरंत समझौता तोड़ दिया और हमला कर दिया। इस हमले में कुल 20 अफगानी सैनिकों की मौत हो गई। तालिबान ने अफगानिस्तान के कुंदूज इलाके में मौजूद तीन आर्मी पोस्ट पर हमला किया था।
मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी से फोन पर बात की थी। ट्रंप ने कहा कि वे हिंसा को त्यागने के पक्ष में हैं। उन्हें 10 मार्च से शुरू हो रही डील में आने का न्यौता भी दिया।
10 मार्च को दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते की शुरुआत होनी है। जहां तक कैदियों की अदला-बदली का सवाल है तो संदेह है कि यह समझौता आगे भी जारी रह सकेगा या नहीं।
तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका ने अगले 140 दिनों में अपने सैनिकों की संख्या 14000 से घटाकर 8600 करने और 14 माह में अफगानिस्तान से सभी सैनिक वापस बुला लेने की घोषणा की है।
अफगानिस्तानी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत राहिमी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों के दौरान तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 16 पर हमला बोला जिसमें 6 नागरिकों की मौत हो गई और 14 जख्मी हैं।
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