देश के करीब 1 फीसदी अमीर भारतीयों के पास पिछले साल 73 फीसदी कमाई का हिस्सा रहा है। इससे देश में एक बार फिर से अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई की बात सामने आई है। इससे लगता है कि केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी इसमें किसी तरह की कोई कमी नहीं आई है। नोटबंदी, जीएसटी ने तोड़ी आम आदमी की कमर
पिछले एक साल में नोटबंदी और जीएसटी ने देश के आम आदमी की कमर को तोड़ के रख दिया है। ऊपर से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम से भी लोग परेशान हैं। दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से पहले ऑक्सफैम द्वारा जारी किए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है।
पिछले एक साल में नोटबंदी और जीएसटी ने देश के आम आदमी की कमर को तोड़ के रख दिया है। ऊपर से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम से भी लोग परेशान हैं। दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से पहले ऑक्सफैम द्वारा जारी किए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है।
67 करोड़ भारतीय गरीब
130 करोड़ की आबादी वाले देश में 67 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं और पिछले एक साल में उनकी आर्थिक हालत में किसी तरह का कोई सुधार नहीं आया है। इनमें से भी केवल एक फीसदी लोगों की हालत थोड़ी सी ठीक हुई है।