
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में विवाद का सबसे ज्यादा लाभ विधायक डॉ. राजकुमार वेरका को मिला है। कैप्टन ने सिद्धू परिवार की ताकत वेरका को दे दी है। पहले सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू द्वारा पंजाब वेयर हाउसिंग कारपोरेशन की चेयरपर्सन के पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने वेरका को यह पद दे दिया था। अब सिद्धू द्वारा कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट रैंक भी वेरका को देते हुए शहर में उनकी ताकत बढ़ा दी है। कैबिनेट रैंक मिलने पर आज पूरा दिन उन्हें बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा।
नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में आने के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हाशिये पर डाल दिए गए थे। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने 16 मार्च 2017 को गठित हुई कैबिनेट में अन्य दिग्गजों को दरकिनार करते हुए सिद्धू को मंत्री बनाया। तब से ही दिग्गज खुद को ठगा महसूस कर रहे थे। सरकार बनने के एक साल 35 दिन बाद यानी 20 अप्रैल 2018 को विस्तार में शहरी और देहाती प्रतिनिधित्व का खास रखते हुए शहर से सीनियर विधायक ओपी सोनी और देहात से सुखबिंदर सिंह सुखसरकारिया को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

सोनी लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए, जबकि सरकारिया ने भी हैट्रिक बनाते हुए विधायक का चुनाव जीता, लेकिन कांग्रेस में अहम पदों पर रहने और तीसरी बार विधायक बनने के बावजूद वेरका की लाटरी नहीं लगी। वेरका कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के एससी नेताओं में शुमार हैं और दिल्ली तक अच्छा रसूख रखते हैं। अहम पदों पर रहे वेरका का अच्छा तुजुर्बा पंजाब सरकार में कैबिनेट रैंक लेने में चाहे वेरका को एक साल 17 महीने लग गए, पर उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया, जिसकी वजह से उनका अच्छा खासा तुजुर्बा है।
किसे क्या देना है, सीएम का अधिकार क्षेत्र : वेरका
प्रश्न : पहले डॉ. सिद्धू की चेयरमैनी और अब सिद्धू का कैबिनेट रैंक, इसे आप कैसे देखते हैं?
वेरका : यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र की बात है कि किसे क्या देना है क्या नहीं। मैंने हमेशा ही कांग्रेस के सच्चे सिपाही की तरह का काम किया है। मेरा लक्ष्य लोगों की सेवा है। मैं और मेरी टीम जनसेवा को समर्पित हैं। सिद्धू हमारे सत्कार योग्य साथी हैं। अच्छा होता वह ऊर्जा विभाग ज्वाइन करते हुए सुधार की कवायद करते। कैबिनेट मंत्री का पद उन्होंने खुद छोड़ा है, किसी ने उनसे छीना नहींं है।
प्रश्न : कैप्टन और सिद्धू में उठे विवाद पर आप क्या कहेंगे?
वेरका : दोनों में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, पर मनभेद नहीं हैं। दोनों कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं।
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