कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने करीब 5 करोड़ अंशधारकों के लिये 2017-18 को लेकर भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.65 फीसदी पर अपरिवर्तित रख सकता है. न्यासी बोर्ड की बैठक 21 फरवरी 2018 को होने वाली है.
ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर 8.65 फीसदी बनाये रखने के लिये अंतर को पूरा करने को लेकर इस महीने की शुरूआत में 2,886 करोड़ रुपये मूल्य के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बेच चुका है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2016-17 के लिये 8.65 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की थी. यह 2015-16 में यह 8.8 फीसदी थी.
सूत्रों ने कहा कि ईपीएफओ ने 1,054 करोड़ रुपये पर 16 फीसदी रिटर्न कमाया है. यह चालू वित्त वर्ष के लिये अंशधारकों को 8.65 फीसदी ब्याज देने के लिये पर्याप्त है. चालू वित्त वर्ष के लिये आय अनुमान को न्यासियों के एजेंडे में वितरित नहीं किया गया है और इसे बैठक के दौरान रखा जाएगा. उसने कहा कि ईपीएफओ द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिये आय अनुमान के बाद ईटीएफ बेचने का फैसला किया गया.
ईपीएफओ अगस्त 2015 से ईटीएफ में निवेश कर रहा है और अबतक ईटीएफ निवेश का लाभ नहीं उठाया. ईपीएफओ ने अबतक ईटीएफ में 44,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. न्यासियों की बैठक के एजेंडे में चालू वित्त वर्ष के लिये ईपीएफ जमा पर ब्याज दर निर्धारण का प्रस्ताव भी शामिल हैं.
क्या है ईपीएफ- 5 जरूरी बातें
1. यह केन्द्र सरकार की नौकरी-पेशा लोगों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम है.
2. आपकी सैलरी 15,000 रुपये प्रति माह है तो इस स्कीम में शामिल होना आपके लिए अनिवार्य है.
3. आप यदि नौकरी करते हैं तो आपकी कंपनी आपकी सैलरी से एक हिस्सा काटकर आपके ईपीएप खाते में डाल देती है.
4. इस पैसे को केन्द्र सरकार के इस फंड में डाल दिया जाता है और जरूरत के वक्त ब्याज सहित इस पैसे का आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
5. आपकी कंपनी आपको ईपीएफ अकाउंट नंबर देती है. यह अकाउंट नंबर भी आपके लिए बैंक अकाउंट की तरह है क्योंकि इसमें आपके भविष्य के लिए आपका पैसा पड़ा है.