जहां एक तरफ कई देशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे लोगों की उम्मीदों को झटका लग सकता है.
यूरोपीय संसद की स्वास्थ्य समिति के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान WHO प्रमुख टेड्रोस गेब्रेयेसस ने कहा, ‘ये सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल है कि हमारे पास कोरोना वायरस की वैक्सीन होगी ही.’
WHO प्रमुख ने कहा, ‘हमारे पास कोरोना वायरस की वैक्सीन कभी नहीं रही है और ऐसे में कोई वैक्सीन बनती है तो यह करोना वायरस की पहली वैक्सीन होगी. गेब्रेयेसस ने कहा कि अगर कोई ऐसी वैक्सीन सच में बनती है तो यह सार्वजनिक रूप से सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए.
गेब्रेयेसस ने कहा कि अभी ये निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लिए कोई प्रभावी वैक्सीन बना पाएंगे लेकिन इसकी खोज में एक साल का समय लग सकता है.
उन्होंने कहा कि WHO के पास पहले से ही वैक्सीन के 100 से अधिक उम्मीदवार हैं, जिनमें से एक बनने की एडवांस स्टेज पर है. उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि हमारे पास इसकी वैक्सीन होगी. अनुमान है कि एक साल के अंदर हमारे पास ये वैक्सीन आ जाएगी या उससे भी कम समय में आ सकती है लेकिन कुछ महीने लगेंगे. यही बात वैज्ञानिक भी कह रहे हैं.’
कुछ दिनों पहले WHO के एक शीर्ष अधिकारी ने भी कहा था कि असल में अभी तक ऐसा कोई प्रयोग नहीं हुआ है जिससे यह विश्वास हो सके कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बन चुकी है.
दुबई सरकार द्वारा आयोजित 8वें ‘विश्व सरकार सम्मेलन’ में WHO के शीर्ष अधिकारी डॉ. डेविड नबैरो ने कहा, ‘पूरी दुनिया की उम्मीद कोरोना वायरस की वैक्सीन पर टिकी है. लेकिन इस महामारी से निजात दिलाने वाला टीका आने में अभी करीब ढाई साल और लग सकते हैं.’
डॉक्टर नबैरो ने कहा, ‘कोरोना वायरस की वैक्सीन अगर इस साल के अंत तक बन भी जाती है तो इसके प्रभाव और सुरक्षा की जांच में लंबा समय लग सकता है. साथ ही इस महामारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए इसका बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करना होगा, जिसमें काफी समय लग सकता है.
डेविड नबैरो ने कहा कि अगर मेरा अनुमान गलत साबित हुआ तो मुझे बहुत खुशी होगी. इस बीमारी का सामना कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरी दुनिया कर रही है. यह वायरस अभी भी हमारे नजदीक है. यह हर किसी को प्रभावित करेगा.
अपने काम के अनुभवों को साझा करते हुए नबैरो ने कहा, ‘अभी तक मलेरिया और एचआईवी जैसे बीमरियों की भी वैक्सीन तैयार नहीं हो सकी है. मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि इस साल अगर कोई चमत्कार नहीं होता तो कोरोना की वैक्सीन मिलना काफी मुश्किल है.’