पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सियासी हलचलें तेज होना लाजमी है। ऐसे में जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा के बीच तल्खी नजर आ रही है। वहीं पार्टी के अंदर बागी तेवर अपनाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसमें टीएमसी के कई मंत्री और विधायक शामिल हैं।
इसी बीच राज्य की सियासी सरगर्मी को पार्टी के विधायक और आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी ने अपने बयानों से बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने ममता सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपनाते हुए मंत्री फिरहाद हाकीम को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने कहा, ‘हमारे शहर (आसनसोल) को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार द्वारा चुना गया था। लेकिन राजनीतिक कारणों से राज्य सरकार के द्वारा हमें इसकी सुविधा का लाभ लेने से वंचित कर दिया गया।’
विधानसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में वरिष्ठ नेताओं में बढ़ती नाराजगी और बागी रुख से चिंतित टीएमसी नेतृत्व ने रविवार को ममता सरकार में मंत्री राजीब बनर्जी को मनाने की कोशिश की। बातचीत के जरिए पार्टी से नाराज चल रहे बनर्जी के मतभेदों को दूर करने की कोशिश की गई। वहीं पिछले महीने कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले नेता शुभेंदु अधिकारी की करीबी को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है।
टीएमसी के कई नेता ममता बनर्जी पर लगातार निशाना साध रहे हैं। इसी क्रम में पूर्वी मिदनापुर जिले से नेता कनिष्का पांडा के लगातार पार्टी विरोधी टिप्पणी करने के बाद उन्हें रविवार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।