अब रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को पांच सौ से पांच हजार रुपये तक ज्यादा करने होंगे खर्च…

अब रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को पांच सौ से पांच हजार रुपये तक ज्यादा खर्च करने होंगे। इसके अलावा फर्द की कॉपी भी पांच रुपये प्रति पेज के हिसाब से महंगी मिलेगी। पंजाब सरकार ने यह बोझ गुपचुप तरीके से फेसिलिटेशन चार्जेस के नाम से डाल दिया है, जो कि एक फरवरी से लागू कर दिए जाएंगे। यह रकम रजिस्ट्री की अप्वाइंटमेंट लेते समय ही ऑनलाइन जमा करवाने होंगे। इसके बारे में राजस्व विभाग ने डिप्टी कमिश्नर, पंजाब लैंड रिकॉर्ड सोसायटी के डायरेक्टर, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को पत्र भेजकर सूचित कर दिया है। सरकार ने पंजाब की चिंताजनक वित्तीय हालत को देखते हुए लोगों से यह वसूली करने की योजना बनाई है।

पहले लगती थी सिर्फ सरकारी फीस

पंजाब राजस्व विभाग के अंडर सेक्रेटरी के पत्र के मुताबिक अब रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेते वक्त पांच सौ रुपये अतिरिक्त देने होंगे। पहले इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता था। सिर्फ सरकारी फीस ही देनी पड़ती थी। अगर किसी को तत्काल में रजिस्ट्री करानी है तो उन्हें इसके लिए पांच हजार रुपये खर्च करने होंगे।

फर्द की फीस 20 से बढ़कर 25 प्रति पेज

फर्द की कॉपी लेने के लिए सरकार पहले प्रति पेज 20 रुपये फीस लेती थी। अब इसे बढ़ाकर 25 रुपये कर दिया गया है। जालंधर जिले की बात करें तो यहां हर महीने फर्द के एक से सवा लाख पेज निकलते हैं। स्पष्ट है कि फर्द लेने वालों से ही सरकार को महीने का लगभग पांच से छह लाख रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।

12 तहसीलों-सब तहसीलों में रोजाना 150 रजिस्ट्री

जिले में जालंधर-वन व टू, नकोदर, फिल्लौर व शाहकोट पांच तहसीलें हैं। इसके अलावा आदमपुर, करतारपुर, भोगपुर, गोराया, नूरमहल, मेहतपुर व लोहियां सात सब तहसीलें हैं। यहां रोजाना औसतन 125 से 150 रजिस्ट्री होती है। अब महीने के हिसाब से देखें तो लोगों को तकरीबन 20 लाख रुपये अतिरिक्त सरकार को देने होंगे। जिले में अभी तत्काल रजिस्ट्री ज्यादा नहीं है, क्योंकि अप्वाइंटमेंट आसानी से मिल जाती है। हालांकि किसी को इमरजेंसी में रजिस्ट्री करानी हो तो फिर उन्हें पांच हजार रुपये इसके लिए देने होंगे।

बिना एनओसी रजिस्ट्री का दांव फेल

कमाई के लिए पहले दांव खेला गया था, जिसमें एनओसी के बिना रजिस्ट्री के आदेश दिए गए थे। तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को कहा गया कि वो बिना एनओसी के रजिस्ट्री कर दें और सरकारी फीस वसूल लें। फिर रजिस्ट्री तभी दें, जब वो संबंधित विभाग से एनओसी लेकर आ जाएगा। हालांकि तहसीलदारों ने इससे इन्कार करते हुए रजिस्ट्रेशन एक्ट का हवाला दिया, जिसमें रजिस्ट्री होने के 24 घंटे के भीतर उसे संबंधित लोगों को देना कानूनन अनिवार्य है। वहीं, एनओसी का आदेश कैबिनेट का होने की वजह से उन्होंने महज राजस्व विभाग के कहने पर इसे लागू करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद विभाग ने अब पंजाब लैंड्ज रिकॉर्ड सोसायटी के फेसिलिटेशन चार्जेस के नाम पर कमाई का नया तरीका ढूंढ निकाला है।

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