अब उत्तराखंड में वीआईपी वाहन खरीदना मंहगा हो जाएगा। जिस कानून की अनुमति बीते 13 अगस्त को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में की गई। परिवहन विभाग ने उत्तराखंड मोटरयान नियमावली को बदल दिया है। अब से मंहगी गाड़ियों की नीलीमी एक लाख रुपए से शुरू की जाएगी।
नियमावली में एक अन्य संशोधन के तहत वाहनों की प्रदूषण जांच का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है। साथ ही प्रदूषण जांच का दायरा व्यापक करने के लिए इसके लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। अब कोई भी इच्छुक व्यक्ति मानकों को पूरा कर प्रदूषण जांच का लाइसेंस ले सकता है।
संशोधन के तहत नए सार्वजनिक सेवा वाहनों के पंजीयन की प्रक्रिया के दौरान तकनीकी जांच के प्रावधान को कुछ शिथिल किया गया है। अब आवश्यक होने पर ही वाहन के बेसिक माडल का भौतिक सत्यापन या निरीक्षण होगा।
तकनीकी समिति टेस्टिंग एजेंसी के दस्तावेजों के परीक्षण पर पंजीकरण का अनुमोदन कर सकेगी। इसके अलावा अब ऑटो रिक्शा के बाड़ी के मानक परिवहन विभाग तय नहीं करेगा। कैबिनेट ने इन मानकों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इन पर केंद्र सरकार के मानक लागू होंगे।