आधार की प्राइवेसी को मजबूत बनाने की प्रक्रिया में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अपडेट किया हुआ ‘QR code’ उपलब्ध कराया है जो केवल गैर-संवेदनशील विवरण जैसे नाम, पता, फोटो जन्म की तारीख बताएगा और इसे ऑफलाइन यूजर वेरिफिकेशन के लिए उपयोग किया जा सकता है वह भी बगैर 12-अंको वाले आइडेंटीफिकेशन नंबर को सार्वजनिक करते हुए। आधार की प्राइवेसी को और अधिक सुरक्षित रखने के लिए यह पहल की गयी है।
अब विभिन्न तरह के कामों के लिए आधार का इस्तेमाल व्यापक तौर पर देश में इस्तेमाल किया जा रहा है। नया क्यूआर कोड जो अब फोटो के साथ आता है, का उपयोग ऑफलाइन मोड में किया जा सकता है। इससे व्यक्तिगत डेटा की हैकिंग नहीं हो पाएगी।
आधार कार्ड धारक यूआईडीएआई की वेबसाइट या इसके मोबाइल एप से क्यूआर कोड वाला बायोमेट्रिक आईडी डाउनलोड कर सकते हैं। यूजर्स आधार नंबर को काले रंग से छिपा सकते हैं और नए क्यूआर कोड के साथ प्रिंटआउट का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्यूआर कोड एक बारकोड लेबल होता है कि जिसमें छुपी सूचनाएं मशीन पढ़ सकती है। कार्डधारक विभिन्न जगहों पर सत्यापन के लिए बगैर अपनी आधार संख्या बताए केवल इस बारकोड का इस्तेमाल कर सकता है।
उदाहरण के लिए होटल में जब रिसेप्शनिस्ट की ओर से आइडी मांगी जाती है तब आधार धारक अपना प्रिंटेड क्यूआर कोड दिखा सकते हैं जो तब आधार साइट पर अपडेटेड क्यूआर कोड रीडर के जरिए स्कैन कर देखा जा सकता है। इसमें केवल नाम, फोटो और जन्म की तारीख दिखेगी, आधार नंबर नहीं।
आधार धारक की विश्वसनीयता को इसके जरिए ही सुनिश्चित किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया में आधार नंबर का खुलासा नहीं होगा और न ही बायोमेट्रिक्स का।
UIDAI के सीईओ अजय भूषण ने कहा, ‘ऑफलाइन क्यूआर कोड हर किसी को ऑफलाइन वेरिफिकेशन के जरिए बगैर आधार नंबर के ही अपनी पहचान स्थापित करने की अनुमति देगा।‘ बैंकों, टेलीकॉम कंपनियों या फिर सब्सिडी का लाभ उठाने में कानून के तहत जहां आधार नंबर आवश्यक है वहां ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा।