महाराष्ट्र में लंबे सियासी संग्राम के बाद आखिरकार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली है. इसके साथ ही उन्होंने पहली परीक्षा पास कर ली, लेकिन अब असली परीक्षा महाराष्ट्र विधानसभा में होगी. उद्धव ठाकरे को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ेगा और बहुमत साबित करना होगा. शिवसेना के पास अकेले बहुमत का आंकड़ा नहीं हैं.
288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 145 विधायकों की जरूरत है, लेकिन शिवसेना के पास सिर्फ 56 विधायक हैं. उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों की जरूरत होगी. तीनों दलों के विधायकों कुल संख्या 154 है, जो बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी और महा विकास अघाड़ी के विधायक भी समर्थन देने को तैयार हैं. इस तरह शिवसेना ने कुल 162 विधायकों के समर्थन हासिल होने का दावा किया है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 44 सीटों, एनसीपी ने 54 और बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की है. शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था. हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद के बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन तोड़ दिया था.