Ahmedabad: भारत के लोग दुनियाभर में अपना परचम लहरा रहे हैं। वैज्ञानिक हो या इंजीनियर हर क्षेत्र में भारतीयों का झंडा बुलंद है। हाल ही में इलाज के लिए अफगानिस्तान से भारत आए एक परिवार के लिए भारत के डॉक्टर भगवान बन गए हैं।अभी-अभी: भड़कीं मायावती दिया पार्टी से इस्तीफा, कहा मेरी कोई नहीं सुनता…
दरअसल, इस परिवार की सबसे छोटी सदस्य जन्म से बोल और सुन नहीं सकती थी अहमदाबाद के असारवा इलाके में सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया, जिसके बाद तीन साल की यह बच्ची अब बोल भी सकती है और सुन भी सकती है।डॉक्टरों के मुताबिक, ऑपरेशन के बाद एक खास मशीन के इम्प्लांट के बाद ऐसा संभव हो पाया है। नजीफा का ऑपरेशन करने वाले ईएनटी स्पेशलिस्ट ने बताया, ‘बच्ची की खोपड़ी में दो तरह से काम करने वाली एक मशीन लगाई की गई है। इस मशीन को ‘बायोनिक इयर’ भी कहा जाता है। यह इम्प्लांट एक खास आपॅरेशन के जरिए किया गया है।’बच्ची को ऑपरेशन करने वाले ईएनटी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर राहेश विश्वकर्मा ने बाताया कि बच्ची को जन्म से ही न सुनाई देने की गंभीर बीमारी थी, जिसकी वजह से कोई भी सुनने की मशीन उसकी मदद नहीं कर सकती थी। विश्वकर्मा ने बताया, ‘बच्ची के पिता, मोहम्मद दाउद शिरजाद इन्वाइरनमेंट साइंस के असिस्टेंट प्रफेसर हैं। वे कुछ महीनों पहले क्लाइमेट चेंज और इम्पेक्ट मैनेजमेंट में मास्टर्स करने गुजरात यूनिवर्सिटी आए थे, उसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के इलाज के लिए खोज की और हम तक पहुंच गए। हम यह सर्जरी लगभग 14 साल से कर रहे हैं। इसके बाद हमने बच्ची का ऑपरेशन करने का फैसला लिया, ताकि बच्ची सुन और बोल सके।’ विश्वकर्मा ने बताया कि बच्ची का ऑपरेशन 19 जून को किया गया था और उसे जून 24 को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया। उन्होंने बताया, ‘आम तौर पर हम एक महीने बाद मशीन ऑन करते हैं, लेकिन इस बार हमने दो दिन बाद ही ऐसा कर दिया।’ उन्होंने बताया, ‘बच्ची अब आवाज सुन सकती है। अब उसे अगले दो साल तक स्पीच थेरपी के साथ कुछ और थेरपी दी जाएंगी। ताकि वह हमेशा के लिए बढ़िया ढंग से सुन और बोल सके। अब यह बच्ची आपकी और हमारी तरह सामन्य जीवन जी सकती है।’