उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सीजेएम कोर्ट में बीते मंगलवार यानी 17 दिसंबर 2019 को पेशी पर आए बदमाश की क़त्ल और अन्य बदमाश के फरार होने के बाद जजी चौकी के प्रभारी सहित 19 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. 7 माह पूर्व नजीबाबाद में बसपा नेता एवं प्रापर्टी डीलर हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की क़त्ल के मामले में आरोपी कुख्यात शाहनवाज की बिजनौर में सीजेएम कोर्ट में पिस्टल से गोलियां बरसाकर क़त्ल कर दी गई. दो पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए. पेशी पर लाया गया शाहनवाज का साथी जब्बार फरार हो गया.
मीडिया रिपोर्ट बके अनुसार इस बात का पता चला है कि कोर्ट में दिनदहाड़े कुख्यात बदमाश शाहनवाज की क़त्ल के बाद जजी परिसर में सुरक्षा की पोल खुल गई है. पिस्टलों को थैले में रखकर शातिर महिला आसानी से जजी परिसर में पहुंच गई और शूटरों को पिस्टल सौंप दी गईं, लेकिन कहीं पर भी चेकिंग में उसे पकड़ा नहीं जा सका. इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है. वारदात को हाजी अहसान की दूसरी पत्नी के बेटे ने अपने दो साथियों के साथ अंजाम दिया. पुलिस ने तीनों शूटरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं कोर्ट परिसर में शाहनवाज की क़त्ल के बाद दबोचे गए साहिल ने पुलिस को बताया कि अपने पिता हाजी अहसान की क़त्ल का बदला लेने के लिए उसने साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया गया है.
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि साहिल ने पुलिस को बताया कि उसके पिता हाजी अहसान की क़त्ल के बाद से ही वह बदले की आग में सुलग रहा था. उसने तभी से ठान लिया था कि पिता की क़त्ल का बदला जरूर लेना है. तीनों एक दूसरे को अपना दोस्त बता रहे हैं. पुलिस तीनों से गहराई से पूछताछ करने में जुटी है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस तीनों से यह भी पता लगाने में जुटी है कि कोर्ट परिसर में उनके पास पिस्टल कहां से आए और कौन लोग उनके साथ थे. कब से वे क़त्ल की योजना बना रहे थे