मथुरा की स्थानीय अदालत में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका बुधवार को खारिज कर दी गई। मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में हुई। इस दौरान वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने 30 मिनट तक बहस की। स्थानीय अदालत में याचिका खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की अदालत में शुक्रवार को याचिका दाखिल की गई थी। इसमें 13.37 एकड़ जमीन पर 1973 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के साथ हुए समझौते और उसके बाद की गई डिक्री (न्यायिक निर्णय) को रद्द करने की मांग की थी। याचिका पर सोमवार को निर्णय होना था, लेकिन अदालत ने सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तिथि तय की थी।
बुधवार को वादी रंजना अग्निहोत्री, करुणेश शुक्ला, अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा न्यायालय पहुंचे। न्यायालय के समक्ष हरिशंकर जैन ने अपना पक्ष रखा। 30 मिनट की बहस के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। एडीजीसी भगत सिंह आर्य ने बताया कि याचिका खारिज कर दी गई है।
याचिका खारिज होने के बाद वादी करुणेश शुक्ला ने कहा कि अब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे। इससे पहले अदालत के समक्ष श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से हरीशंकर जैन ने अपना पक्ष रखा। 30 मिनट की बहस के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी।
जिले में सख्त रही चौकसी, आईजी ने डेरा डाला
छह दिसंबर और श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर बुधवार को फैसले के दिन जिलेभर में पुलिस अलर्ट रही। न्यायालय परिसर में भी कड़ी सुरक्षा रही। कानून-व्यवस्था की देखरेख को आईजी ए.सतीश गणेश दोपहर को मथुरा पहुंच गए। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। आईजी ने जन्मभूमि पर तैनात फोर्स की जानकारी ली।
वहां लगे सीसीटीवी तथा अन्य सुरक्षा उपकरणों का निरीक्षण किया। अधिकारियों को चेताया कि किसी भी बिंदु पर लापरवाही न होने पाए। अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर डीएम सर्वज्ञराम मिश्र, एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर, एसपी सुरक्षा रोहित मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार तथा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की।