माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस की जांच अब नई दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय की एसटीएफ करेगी। अभी तक इसकी जांच ईडी के प्रयागराज सब जोनल कार्यालय द्वारा की जा रही थी। चर्चा है कि जांच के दौरान ही अतीक के कुछ करीबी बिल्डरों द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत पर यह फैसला लिया गया है। हालांकि, अधिकारी इस बाबत बोलने से बच रहे हैं।
ईडी ने अतीक (अब मृत) व उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ दो साल पहले मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। अतीक व उसकी पत्नी शाइस्ता की करीब तीन करोड़ की संपत्तियां भी जब्त की थीं। उसके बाद जांच सुस्त पड़ गई थी। प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद ईडी ने अतीक के तमाम करीबी बिल्डरों व चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकानों पर छापे मारे थे। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की जांच का पर्यवेक्षण स्पेशल डायरेक्टर द्वारा किया जाएगा।
बाइक बोट घोटाले की जांच भी ट्रांसफर
– ईडी अधिकारी पर लगा रिश्वतखोरी का आरोप
बाइक बोट घोटाले की जांच भी ईडी मुख्यालय ट्रांसफर हो गई है। ईडी ने दो माह पूर्व सपा नेता दिनेश सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया है कि वह घोटाले के एक आरोपी को बचाने के लिए ईडी, लखनऊ के एक वरिष्ठ अधिकारी के संपर्क में था। उसने आरोपियों से जांच खत्म कराने के लिए सात करोड़ रुपये वसूले थे। उसके बयान के बाद ईडी मुख्यालय की टीम ने लखनऊ आकर जांच के बाद पूरी पत्रावली अगले हफ्ते तक दिल्ली भेजने को कहा है।
– उल्लेखनीय है कि जालसाज संजय राय शेरपुरिया के मामले की जांच भी ईडी की एसटीएफ यूनिट ने की थी।