अख‌िलेश यादव ने पूछा? मायावती बताएं, हम उन्हें बुआ न कहें तो क्या कहें

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को विधानसभा में एक बार फिर भाजपा पर हमला बोलते हुए केंद्र पर यूपी को पैसा न देने का आरोप लगाया। कहा कि भाजपा के लोग विधानसभा घेर रहे हैं जबकि उन्हें पार्लियामेंट घेरना चाहिए। वहीं मायावती की बुआ कहने पर नाराजगी पर भी चुटकी ली।
अख‌िलेश यादव ने पूछा? मायावती बताएं, हम उन्हें बुआ न कहें तो क्या कहें

बुआ न कहें तो क्या कहें: अख‌िलेश यादव

अखिलेश ने बसपा की तरफ इशारा करते हुए कहा, इनकी नेता ने कहा है कि हम उन्हें बुआ न कहा करें। सब उन्हें बहन जी कहते हैं। हम तो अपने फायदे के लिए उन्हें बुआ कहते थे। अगर नहीं चाहती हैं कि हम उन्हें बुआ कहें तो बताना चाहिए कि क्या कहें? बता दें क‌ि बीते द‌िनों मायावती ने नाराजगी जताते हुए कहा था क‌ि अख‌िलेश हमें बुआ न कहा करें।

बजट पार‌ित करने के बाद मुख्यमंत्री अख‌िलेश ने कहा, हम तो कानून-व्यवस्था और किसानों पर सदन में चर्चा चाहते हैं लेकिन भाजपा के लोग चर्चा नहीं होने देना चाहते। भाजपा अपनी कमियां छिपाने के लिए यह सब कर रही है। न तो राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए पैसा दिया जा रहा है और न ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए। हम तो इनसे जवाब मांग रहे हैं कि क्यों नहीं मिल रहा पैसा?हालांकि हंगामे व शोर-शराबे के बीच विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा नहीं हो सकी लेकिन नेता प्रतिपक्ष गया चरण दिनकर द्वारा चर्चा शुरू करने पर मुख्यमंत्री ने जवाब जरूर दिया।

बजट खर्च न होने के नेता प्रतिपक्ष के दावे पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शायद उन्होंने आंकड़ों को ध्यान से नहीं देखा। भाजपा के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री ने कहा, उन्हें दिल्ली जाकर लोकसभा घेरनी चाहिए जहां से यूपी को पैसा नहीं मिल रहा है।

‘प्रदेश में सत्ता में आने का रास्ता खोज रही है भाजपा’

भाजपा पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा, ये प्रदेश में सत्ता में आने का रास्ता खोज रहे हैं कि कैसे आएं। केंद्र की जिम्मेदारी है पैसा देने की। राष्ट्रीय राजमार्र्गों की हालत क्या है? पैसा नहीं दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत अन्य योजनाओं का पैसा भी रोक रखा है।

ओलावृष्टि का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा, किसानों के सामने संकट है। केंद्र से टीम आई और आकलन किया लेकिन जो पैसा मिलना था नहीं दिया। ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए हमने 2000 करोड़ का इंतजाम किया है क्या यह गलत है?

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए पैसा दिया है तो क्या भाजपा एक्सप्रेस-वे के खिलाफ है? गरीबों की योजनाओं के लिए पैसा देना गलत है? 60 हजार प्राथमिक विद्यालयों में बिजली नहीं है। उन्हें बिजली देने जा रहे हैं क्या यह गलत है?

ये (भाजपा) लोग एक्सपोज हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने पीएम के लालकिले से भाषण का जिक्र करते हुए कहा, उन्होंने जिस गांव का नाम लिया वहां बिजली नहीं थी फिर भी फोटो लगा दी टीवी देखते हुए। हकीकत सामने आई तो हटा दिया। इनसे ज्यादा होशियार कोई नहीं है। इस पर आजम ने शेम-शेम कहा।

‘किसानों व विकास का विरोध कर रही है भाजपा’

अखिलेश ने कहा कि भाजपा किसानों व विकास का विरोध कर रही है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने यह कहते हुए अनुपूरक बजट के औचित्य पर सवाल उठाया कि जब कई विभाग मूल बजट का एक से 28 फीसदी ही खर्च कर पाए हैं तो अनुपूरक लाने का कोई मतलब नहीं है।

गुदड़ी से सुंदरता नहीं आती
भाजपा के सत्ता में आने की कोशिशों पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री बोले कि ये अपनी कमियां छिपाने में लगे हैं। अच्छा कपड़ा, सूट पहनना चाहते हो तो गुदड़ी से सुंदरता नहीं आने वाली। उसके लिए वैसा काम भी करना होगा।

बुआ न कहें तो क्या कहें
अखिलेश ने बसपा की तरफ इशारा करते हुए कहा, इनकी नेता ने कहा है कि हम उन्हें बुआ न कहा करें। सब उन्हें बहन जी कहते हैं। हम तो अपने फायदे के लिए उन्हें बुआ कहते थे। अगर नहीं चाहती हैं कि हम उन्हें बुआ कहें तो बताना चाहिए कि क्या कहें?

बुजदिल, कायर, निकम्मे हैं
मुख्यमंत्री जब बोल रहे थे तो भाजपा के एक सदस्य ने उनके सामने नारे लिखा बैनर तान रखा था। इससे तिलमिलाए आजम ने कहा, देखिए कितने सभ्य हैं? ये इनकी बुजदिली है, निकम्मे व लाचार हैं। आजम ने भाजपा सदस्यों से कहा कि बैठो, बात सुनो और जवाब दो।

 

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