न्यूजपेपर की अगर हम बात करे तो ये एक ऐसी जगह है जहाँ पर खबरो के अलावा कुछ भी नही एक्स्ट्रा नही छपता है यहाँ पर एक हल्का सा डॉट भी है तो उसका पैसा लिया जाता है क्योंकि इनकी कमाई भी तो आखिर इसी में ही है तो ऐसे में आपको हम इस पेपर से ही जुडी कुछ ऐसी चीज दिखाने जा रहे है जो अपने आप में बेहद ही अलग और अनोखी है, पहले शायद ही कभी आपने इसके बारे में जाना या फिर सुना होगा क्योंकि पेपर को हम सिर्फ पढ़ते है और फिर रद्दी में बेच देते है।
अगर आप पेपर के सबसे नीचे देखे तो आपको नीचे रंगीन कलर के कुछ डॉट्स नजर आयेंगे ये डॉट्स अपने आप में बेहद अलग से और रंग बिरंगे दिखा करते है तो आपने सोचा है कि आखिर इनके पीछे का मतलब क्या है?
दरअसल अखबार तो पहले ब्लैक एंड वाइट ही आता था तो ऐसे में उस पर रंग से छपाई की जाने पर कलर का पैटर्न भी तो मालूम होना चाहिए ऐसे में प्रिंटर के द्वारा रंगो का एक मापक्रम होता है जिसे पहले इन डॉट्स के रूप में छापा जाता है जिससे कि पता चलता है हाँ कलर्स इस क्रम में है और अब छपाई भी इसी क्रम में ही की जानी है इसमें एक पहला कलर क्यान, दूसरा मेग्नेटा, तीसरा येल्लो और चौथा काला होता है और सामान्य तौर पर तो इन्ही कलर्स का ही उपयोग किया जाता है।
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और छपाई भी मुख्य रूप से इन्ही कलर्स के क्रम में ही होती है जिसमे ये जचते भी है और ये तकनीक आज की नही बल्कि बहुत ही ज्यादा पुरानी है क्योंकि कलर का क्रम अगर बिगड़ गया तो सब कुछ उलट पुलट हो जाएगा और अखबार ढंग से छप ही नही सकेगा।