समाधि में साधना के अंधविश्वास ने एक युवक की जान ले ली। पांच साल से चमन खतरनाक समाधि ले रहा था। पहले साल 24 घंटा, दूसरे साल 48 घंटा, तीसरे साल 72 घंटा, चौथे साल 96 घंटा की समाधि ली।

चार बार बेहोशी की हालत में गड्ढे से जिंदा बच निकला तो हौसला और भी बढ़ गया। पांचवी बार 108 घंटे की समाधि पर चार फुट गहरे गड्ढे में जा बैठा, फिर वापस जिंदा नहीं लौटा।
16 दिसंबर की सुबह आठ बजे समाधि लगाया था। पांच दिन बाद 20 दिसंबर को दोपहर 12 बजे जब उसे समाधि स्थल से बाहर निकाला तो वह कथित तौर पर बेहोश था। बाहर निकालकर निजी अस्पताल में ले गए, जहां से जिला अस्पताल महासमुंद रेफर किया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अंधविश्वास के चलते युवक की मौत की यह घटना महासमुंद जिले के गांव पचरी में हुई है,जहां जिला प्रशासन ने आत्महत्या रोकने नवजीवन कार्यक्रम चला रखा है। एक ओर जिला प्रशासन ने आत्महत्या दर में कमी लाने राष्ट्रीय मानसिक कार्यक्रम के तहत नवजीवन कार्यक्रम से लोगों को आत्महत्या नहीं करने की समझाइश दे रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर युवक खुलेआम जिंदा समाधि ले लिया और उसकी मौत हो गई, इस पर प्रशासनिक अमले ने संज्ञान तक नहीं लिया। जबकि समाधि लेने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया पर उस वाट्सएप गु्रप में वायरल हुआ था, जिसमें जिले के आला अधिकारी एसपी-कलेक्टर सभी जुड़े हुए हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal