जैसा की आप सब जानते हैं कि हमारा देश 200 सालों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा था। इस दौरान भारत की जनता पर अंग्रेजों ने काफी अत्याचार किए थ। अंग्रेजों ने भारत की औरतों बच्चों तथा बूढ़ों को भी नहीं छोड़ा था। इन्हें भई अंग्रेजों के अत्यातार का शिकार होना पड़ता था। जिसके बाद भारत को आजाद कराने के लिए विद्रोह कर दिया था। तथा भारत को आजादी दिलाई। भारत को आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सैनानियों ने अपनी जान भी गंवाई थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंग्रेजों ने 200 सालों तक भारत पर राज करने के दौरान देश की संस्कृति और यहाँ की सभ्यता के साथ खिलवाड़ किया था। अंग्रेजों ने भारत की जनता पर असहनिया जुल्म ढ़ाये थे।
अंग्रेज हमारे देश की सुंदर लड़कियों को अपनी मनमानी का शिकार बनाते थे. तथा उन्हें जबरन उनके घरों से उठा कर ले जाते थे। अगर कोई सुंदर महिला अंग्रेजों की नजरों में पड़ जाती थी तो अंग्रेज उन्हें कठोर यातनाएं देते थे। आपको बता दें कि अंग्रेज उस महिला के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर देते थे। अस महिला के शरीरी के हर अंग को गर्म चिमटे से तब तक जलाया जाता था। जब तक उसके इन अंगों से खून न निकलने लग जाए। इसके बाद अंग्रेज उन महिलाओं के साथ बलात्कार करते थे। तथा इसके बाद उनकी गर्दन काट देते थे। तथा इसके बाद उनकी लाश को लावारिस फैंक दिया जाता था।
इसके बाद अगर कोई महिला अंग्रेजों के खिलाफ अदालत में शिकयत दर्ज कराने जाकती थी। तो इसे अदालत यह सिद्ध करना होता था। कि उसके साथ बलात्कार किया गया है।जब तक महिला अदालत में यह सिद्ध नहीं कर पाती थी कि अंग्रेजों ने उसके साथ बलात्कार किया है। तब तक अंग्रेजों को अपराधी नहींमाना जाता था।
इस कानून के आने के बाद भारत में लाखों महिलाओं को अंग्रेजों के द्वारा बलात्कार का शिकार होना पड़ा था। क्योंकि अंग्रेजों को मालूम था कि कोई भी महिला अदालत नही जाएगी। अगर कोई महिला अदालत जाती भी थी तो 100 बलात्कारियो में से किसी 1 या 2 को सजा होती थी।
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